छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार विरोध के बावजूद क्यों खरीद रही है गोबर, जानिए- वजह
छत्तीसगढ़ में मनाए जाने वाले हरेली त्योहार के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 'गोधन न्याय योजना' की शुरुआत की है. इस योजना के तहत प्रदेश के किसानों से गोबर ख़रीदने का काम किया जाएगा. जिससे महिला स्व सहायता समूह वर्मी कंपोस्ट का निर्माण करेगी.
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नई दिल्लीः देशभर में छत्तीसगढ़ बड़े पैमाने पर गोबर ख़रीदने वाला पहला राज्य बन गया है. छत्तीसगढ़ में मनाए जाने वाले हरेली त्योहार के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 'गोधन न्याय योजना' की शुरुआत की है. इस योजना के तहत सरकार ने प्रदेश में गोबर ख़रीदने की अपनी योजना को अंतिम रूप दे दिया है.
दो रूपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदेगी सरकार
छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि इस योजना के तहत भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव के लिए काम किया जाएगा. इस योजना के तहत राज्य सरकार पशुपालकों से दो रूपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदेगी. खरीदे गए इस गोबर का इस्तमाल जैविक खाद तैयार करने के लिए किया जायेगा.
हरेली त्योहार के अवसर पर हुआ शुभारंभ
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास पर धर्म पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल और परिजनों के साथ गोधन और कृषि यंत्रों की पूजा-अर्चना कर 'गोधन न्याय योजना' की शुरुआत की. इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश वासियों को नए साल के पहले त्योहार की बधाई देते हुए कहा कि यह योजना संकट के समय किसानों और पशुपालकों के लिए वरदान साबित होगी.
गोठानों के माध्यम से संचालित होगी योजना
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि प्रदेश के गांवों में सुराजी गांव योजना पहले ही लागू की जा चुकी है, जिसके तहत पांच हजार से ज्यादा गोठानों की स्वीकृति दी जा चुकी है. इनमें से 2785 गोठान बनकर तैयार हो चुके हैं, शेष का निर्माण तेजी से किया जा रहा है. गोधन न्याय योजना इन्हीं गोठानों के माध्यम से संचालित होगी.
महिला स्व सहायता समूहों बनाएगी वर्मी कंपोस्ट
किसानों और पशुपालकों से गोठान समितियों द्वारा दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाएगी. जिसके बाद इस गोबर का इस्तमाल वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए किया जाएगा. गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए महिला स्व सहायता समूहों की मदद ली जाएगी. जिससे महिला स्व सहायता समूहों को रोजगार भी मिलेगा. तैयार वर्मी कंपोस्ट को 8 रुपए प्रति किलो की दर से सरकार के द्वारा खरीदा जाएगा. खरीदे गए गोबर से अन्य सामग्री भी तैयार की जाएंगी.
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