अयोध्या: आखिर क्यों कोलकाता के रहने वाले कोठारी परिवार को मिला राम मंदिर भूमि पूजन का विशेष निमंत्रण
कोरोना काल को देखते हुए भूमि पूजन में कुछ गिने चुने लोगों को आमंत्रित किया गया है. कोलकाता के कोठारी परिवार को भूमि पूजन में शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है, आइये जानते हैं आखिर क्या वजह है उनको बुलाये जाने की.
अयोध्या: अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन के लिए गिने चुने लोगों को ही न्योता भेजा गया है. कोरोना काल में अयोध्या भूमि पूजन में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को बेहद सीमित रखा गया है, लेकिन इन गिने-चुने लोगों में कोलकाता का कोठारी परिवार भी शामिल है. आखिर कोठारी परिवार को यह न्योता क्यों मिला है. यह जानना भी बहुत जरूरी है. इसके लिए आपको जाननी पड़ेगी 30 साल पहले की वह घटना जिसकी वजह से आज कोठारी परिवार को अयोध्या में भूमि पूजन के लिए खास तौर पर आमंत्रित किया गया है.
पूर्णिमा कोठारी अपने परिवार के साथ अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के लिए होने वाले भूमि पूजन में हिस्सा लेने के लिए पहुंची है. पूर्णिमा खुश तो हैं ही क्योंकि गिने-चुने लोगों में इनको भी शामिल किया गया है.
पूर्णिमा यहां पहुंची हैं, क्योंकि इनके दो भाइयों ने राम मंदिर आंदोलन के लिए कार सेवा में अपनी जान गंवा दी थी. घटना अक्टूबर-नवंबर 1990 की है, जब अयोध्या में कार सेवा का आह्वान किया गया था. देश भर से राम भक्त अयोध्या पहुंचने लगे. कार सेवा के लिए इन्हीं राम भक्तों में शामिल थे पूर्णिमा कोठारी के दो भाई राम कोठारी और शरद कोठारी भी. दोनों कोलकाता से अपने परिवार की अनुमति लेकर अयोध्या की तरफ बढ़े, लेकिन जानकारी मिली कि अयोध्या पहुंचने वाले सभी कारसेवकों को गिरफ्तार किया जा रहा है. लिहाजा वह लोग उत्तर प्रदेश के फूलपुर के पास एक स्टेशन पर उतर गए और वहां से अयोध्या तक का सफर पैदल तय किया.
राम कोठारी और शरद कोठारी अयोध्या में कारसेवा के लिए पहुंच चुके थे और उसके बाद जो हुआ वह इतिहास में आज भी दर्ज है. 30 अक्टूबर 1990 को राम कोठारी और शरद कोठारी बाबरी मस्जिद के गुंबद के ऊपर चढ़ गए और वहां पर पहुंचकर भगवा ध्वज फहरा दिया हालांकि प्रशासन उस दौरान इससे इनकार करता रहा.
इसी के बाद तय किया गया की एक बार फिर से कारसेवा की जाएगी. लेकिन वह कारसेवा सिर्फ सांकेतिक होगी और दिन चुना गया 2 नवंबर 1990 का. एक बार फिर से कोठारी भाई सड़कों पर निकले सांकेतिक कार सेवा का हिस्सा बनने के लिए, लेकिन इस बार प्रशासन पहले से ज्यादा सख्त हो गया और कारसेवकों पर गोली चली, जिसमें दोनों भाइयों की मौत हो गई.
उसके बाद से 30 साल का वक्त गुजर गया, लेकिन परिवार ने भी एक कसम खाई थी कि जब भी कभी कारसेवा होगी वह हर जगह उसका हिस्सा बनेंगे. और अब जबकि वह ऐतिहासिक घड़ी करीब आ गई है, जब श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन हो रहा है तो कार सेवा के दौरान अपनी जान गंवाने वाले दोनों भाइयों के परिवार को भी विशेष निमंत्रण भेजा गया है.
ऐसे में अब कोठारी परिवार इस कार्यक्रम यानी भूमि पूजन का हिस्सा भी बन रहा है. अपने दोनों बेटों की आत्मा की शांति के लिए भी पूजा-पाठ करेगा, क्योंकि तीन दशक बाद अब वह जो मौका आया है, जिसको लेकर दोनों भाइयों ने अपनी जान गंवा दी थी.
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