नई दिल्ली: प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने कई ऐसे फैसले किए जिसकी चर्चा सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में हुई. उन फैसलों में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला बहुत ही बड़ा फैसला था. दूसरे शब्दों में कहें तो ये पाकिस्तान के खिलाफ मोदी सरकार का सबसे बड़ा फैसला था.


लेकिन क्या आप जानते हैं कि पीएम मोदी को सर्जिकल स्ट्राइक के फैसले के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा.  दरअसल, सर्जिकल स्ट्राइक के 11 दिन पहले पाकिस्तान ने एक ऐसी नापाक हरकत की, जिसका जवाब देना भारत के लिए जरूरी बन गया. चूंकि पाकिस्तान सुधर नहीं रहा था, भारत की बार-बार की चेतावनी का उसपर असर नहीं हो रहा था, इसलिए कड़ा संदेश देना भारत की मजबूरी बन गई. तभी 29 सितंबर को भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक किया और पाकिस्तान की औकात बताई.


क्या थी पाकिस्तान की नापाक हरकत?


एक साल पहले आज ही के दिन 18 सितंबर, 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर हमला हुआ, इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए. ये एक आतंकी हमला था. हालांकि, सुरक्षाबलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी मारे गए. ये हमले पाकिस्तान की शह पर जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिए.


भारत को गुस्सा क्यों आया?


पाकिस्तान अक्सर सीज़फायर का उल्लंघन करता रहता है, लेकिन ये आतंकी हमला सीमा के उस पार पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के जरिए अंजाम दिया गया था और सेना के जवानों पर बीते 20 सालों में सबसे बड़ा हमला था. क्योंकि इस आतंकी हमले में भारत को अपने 18 बहादुर जवानों की कुर्बानी देनी पड़ी थी. ज्यादा जवान इसलिए मारे गए क्योंकि हमले के वक्त सेना के जवान निहत्थे थे या फिर सो रहे थे, तभी हमलावरों ने जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. इस हमले को उस वक़्त अंजाम दिया गया जब कश्मीर घाटी में हिंसा का दौर था और सुरक्षबलों और आम लोगों की झड़प में करीब 85 लोग मारे गए थे.


हमले के बाद भारत ने क्या किया?


हमले के दूसरे दिन भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह, तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, सेना प्रमुख दलबीर सिंह और एनएसए अजित डोभाल ने बड़ी बैठक की. हमले के तीसरे दिन कश्मीर के कुछ हिस्सों में पाकिस्तान इंटरनेशल एयरलाइन्स की फ्लाइट रद्द कर दी गई. सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई.


SAARC सम्मेलन स्थगित किया गया


इस हमले की वजह से 19वें सार्क सम्मेलन को स्थगित कर दिया गया, जो कि नवंबर के महीने में पाकिस्तान में होना था. भारत ने वहां जाने से इंकार कर दिया. भारत ने साफ कहा कि आतंकी हमलों के बीच इस सम्मेलन का कोई मतलब नहीं है. इस सम्मेलन में भारत के नहीं शामिल होने के फैसले के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भुटान ने भी नहीं शामिल होने का फैसला किया.


और अब हुआ सर्जिल स्ट्राइक


भारत हर हाल में पाकिस्तान को सबक सीखा चाहता था और पीएम मोदी के स्तर पर सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला हुआ. 29 सितंबर की रात में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हमला बोल दिया. पाकिस्तानी सेना की शह पर चल रहे आतंकी कैंपों को निशाना बनाया गया. इस हमले में भारत ने करीब 50 पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकियों को मार गिराया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना दो से तीन किलोमीटर भीतर तक गई.


और क्या हुआ


इस हमले के बाद इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर् एसोसिएशन ने भारत में काम करने वाले सभी पाकिस्तानी कलाकारों के काम करने पर पाबंदी लगा दी. बीसीसीआई ने भी पाकिस्तान के साथ आने वाले दिनों में खेलने से मना कर दिया.