लखनऊ: अयोध्या में राममंदिर निर्माण की आधारशिला रखने के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पारिजात का पौधा लगाया. इसके बाद लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर पौधे में ऐसी क्या खासियत है, जिससे इसे मंदिर निर्माण समरोह का हिस्सा बनाया गया. दरअसल इस पौधे के औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ कई मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं. इनमें से एक मान्यता यह है कि वनवास के दौरान माता सीता पारिजात के पौधे के फूलों से ही अपना श्रृंगार किया करती थीं.
पूजा में होता है फूलों का उपयोग
पारिजात के फूलों का उपोयग पूजा-पाठ में किया जाता है. मान्यता है कि ये फूल देवी लक्ष्मी को बहुत पसंद हैं और इनको चढ़ाने से वे प्रसन्न हो जाती हैं. हालांकि, पेड़ से गिरे फूल को पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
रात में ही खिलते हैं फूल
पारिजात के साथ एक रोचक तथ्य यह भी है कि इसके फूल रात में ही खिलते हैं और सुबह होते ही सारे झड़ जाते हैं. पारिजात को हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसके फूलों का भगवान हरि के श्रृंगार और पूजन में इस्तेमाल किया जाता है.
औषधीय गुणों से है भरपूर
पारिजात में कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं. इसके फूलों का रस पीने से हार्ट (दिल) के रोगों से बचा जा सकता है. इसका बीज भी हार्ट के लिए काफी अच्छा माना जाता है. इसकी पत्तियों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर खाने से सूखी खांसी भी ठीक होती है. पत्तियां त्वचा संबंधी रोगों को दूर करने में भी सहायक हैं.
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