आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले का मुख्यालय इलुरु पिछले कुछ समय से सुर्खियों में छाया हुआ है. बता दें कि इस जिले ने देश को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)  के गवर्नर भी दिए हैं. लेकिन पिछले एक पखवाड़े से इस जिले के चर्चा में रहने की कुछ और वजहें हैं. दरअसल कुछ समय से यहां एक रहस्मय बीमारी ने लोगों को खौफजदा किया हुआ है. हालांकि पिछले 48 दिनों से यहां पर इस रहस्यमय बीमारी का कोई नया मामला सामने नहीं आया है.


दो दिन से नहीं आया कोई नया मरीज


पश्चिमी गोदावरी जिले के ज्वाइंट कलेक्टर हिमांशु शुक्ला ने बताया कि, जिला अस्पतालों में बीते दो दिन से कोई नया मरीज नहीं आया है. केवल चार पुराने मरीज ही इस समय अस्पताल में भर्ती हैं, जिनका इलाज जारी है. बता दें कि पिछले 15 दिनों से इलूरू में इस रहस्यमय बीमारी के कारण 622 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इनमें से 5 में से तीन मरीजों को दौरे पड़ने, जलन, उल्टी, सिरदर्द और कमर में दर्द की शिकायत थी.


हालात पर पा लिया गया है काबू


वहीं ज्वाइंट कलेक्टर हिमांशु शुक्ला के मुताबिक  अब हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं. इस बीमारी की जांच के लिए मछलियों के भी सैंपल लिए गए हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस रहस्यमय बीमारी की वजह मछलियां नहीं थी. शुक्ला के मुताबिक ये किसी तरह का कोई वायरस भी नहीं था. उन्होंने कहा कि भगवान का शुक्र है कि अब खतरा टल गया है.


कई विशेषज्ञ रहस्यमय बीमारी का पता लगाने पहुंचे थे


बता दें कि इस बीमारी का पता लगाने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (एनआईएन), सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (आईआईसीटी), वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, नेशनल सेंटर के विशेषज्ञ भी पहुंचे थे.  रोग नियंत्रण (एनसीडीसी), एम्स के डॉक्टर भी इस बीमारी का पता लगाने के लिए यहां पहुंचे थे. इन सभी ने यहां की नहरों का भी निरीक्षण किया था, जिसका पानी काफी प्रदूषित मिला था. इस दौरान जांच में तमिलइलूरु और दूसरी नहरों का पानी भी काफी प्रदूषित मिला था. एक्सपर्ट ने यह भी कहा था कि सिंचाई के लिहाज से यहां का पानी काफी प्रदूषित है.


राष्ट्रीय स्तर पर कई वजहों से छाया है इलूरु जिला


स्थानीय लोगोने ने भी बताया कि वे यहां के स्थानीय प्रशासन और स्थानीय स्तर पर हो रही पानी की स्पलाई से जरा भी संतुष्ट नहीं थे. इस पानी में कई तरह के रसायन मौजूद थे. इलूरु को लेकर चर्चा इस बार बेशक गलत कारण की वजह से हो रही है लेकिन बता दें कि राष्ट्रीय स्तर पर इस जिले का योगदान सराहनीय रहा है. आरबीआई के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव जिन्होंने वीवी रेड्डी की जगह ये पदभार ग्रहण किया था यही से थे. इसके बाद उनकी जगह रघुराम राजन ने ली थी. सुब्बाराव ने यहां के ही स्थानीय स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की थी. यहां पर वर्तमान में तैनात डिस्ट्रिक कलेक्टर रेवू एम राजू भी साल 2007 के यूपीएसपी टॉपर रहे हैं. इलूरु को इतिहास में हेलापुर के नाम से जाना जाता था. 700 और 1200 ईपूर्व यहां पर चालुक्य शासन था बाद में यहां 1471 तक कलिंगा का शासन रहा था. 1925 में यहां अंग्रेजों के शासन में जिला मुख्यालय बनाया गया था. इलूरु कालीन के लिए भी फेमस है. माना जाता है कि यहां पर इसे बनाने के लिए मिडिल ईस्ट से कारीगर आए थे.


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