बैंगलोरः कोडगु जिले के मुल्लूर गांव में एक स्कूल शिक्षक ने अपने छात्रों के साथ डिजिटल जुड़ने और COVID-19 महामारी के दौरान उनकी शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए एक ट्री-टॉप समाधान निकाला है.


स्कूल शिक्षक ने बांस और घास सहित वेस्ट मैटेरियल का उपयोग कर एक आम के पेड़ में एक कमरा बनाया है. जमीन से 20 फीट की ऊंचाई पर बने इस कमरे से अब नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या दूर हो गई है.


सीएस सतीश लोअर प्राइमरी स्कूल में शिक्षक


सीएस सतीश मुल्लूर के गवर्नमेंट लोअर प्राइमरी स्कूल में शिक्षक हैं. वह पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए क्लास लेते हैं. COVID-19 महामारी और उसके परिणामस्वरूप हुए लॉकडाउन के कारण बच्चों की शिक्षा जिस तरह से बाधित हुई. ऐसे में आदिवासी और फर्स्ट जनरेशन पढ़ाई करने वाले बच्चों के बीच फैसिलिटी की भारी कमी को देखते हुए उन तक शिक्षा पहुंचना सुनिश्चित कर रहे हैं.


सतीश सिलेबस के आगे जाकर बच्चों को इंग्लिश, गणित और कनाडा पढ़ाते हैं. बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने का जुनून ही उन्हें आउट ऑफ बॉक्स सोचने पर प्रोत्साहित किया और ये अनोखा ट्री हाउस बना दिया.


सतीश का क्लास वाटरप्रूफ


पेड़ के ऊपर सतीश न केवल सुरक्षित महसूस करते हैं बल्कि तिरपाल की दोहरी परत तानकर इस अस्थाई कार्यालय को वाटरप्रूफ भी बना दिया है. अपने इस कक्षा में वह उन्होंने एक मोबाइल स्टैंड और एक फोकस लाइट भी लगाया है. फोकस लाइट जलाकर वह यह सुनिश्चति करते हैं कि जो बच्चे उनकी क्लास में हैं उन्हें सबकुछ साफ-साफ दिखाई दे.


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