ममता सरकार का बड़ा एक्शन, कोलकाता कांड के 26 दिन बाद संदीप घोष को किया निलंबित
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सोमवार को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. संदीप घोष को वित्तीय अनिमितताओं के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है.
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने आखिरकार आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को निलंबित कर दिया है. उन्हें पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल से भी निलंबित कर दिया गया है.
सीबीआई ने सोमवार को संदीप घोष समेत चार लोगों को आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनिमितताओं के आरोप में गिरफ्तार किया था. सीबीआई कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले में जांच कर रही है.
9 अगस्त को जूनियर डॉक्टर से हुआ रेप
संदीप घोष और आरजी कर अस्पताल इन दिनों विवादों में है. दरअसल, यहां 9 अगस्त को जूनियर डॉक्टर से रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले में संदीप घोष की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. सीबीआई भी इस मामले में उनसे कई बार पूछताछ कर चुकी है. सीबीआई ने डॉक्टर घोष का पिछले दिनों पॉलीग्राफी टेस्ट भी किया था.
कोलकाता रेप केस को लेकर पूरे पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. बीजेपी समेत तमाम विपक्षी पार्टी लगातार संदीप घोष के खिलाफ एक्शन की मांग कर रहे थीं. रेप केस के 26 दिन बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को निलंबित कर दिया.
संदीप घोष पर सीबीआई ने दर्ज की थी FIR
सीबीआई ने पिछले दिनों इस मामले में FIR दर्ज की थी. घोष और अन्य के खिलाफ 120B (आपराधिक साजिश), IPC के सेक्शन 420 (फ्रॉड) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया था. इन मामलों में सजा की बात करें तो 120B में 2 साल से अधिकतम उम्रकैद तक, 420 में अधिकतम 7 साल की सजा और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 6 महीने से 5 साल की सजा का प्रावधान है. इस मामले में सीबीआई ने घोष के अलावा तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों में बिप्लव सिंहा, सुमन हजारा, अफसर अली शामिल हैं.
'बंगाल सरकार का रवैया असहयोग भरा', कोलकाता रेप केस पर सुप्रीम कोर्ट में गृह मंत्रालय ने दाखिल की रिपोर्ट