Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले को लेकर बीजेपी लगातार हमलावर है. इस बीच बीजेपी सांसद ने संबित पात्रा ने आरजी कर मामले में  3 सवाल पूछे हैं. पात्रा ने कहा कि, कोलकाता में हुए जघन्य कांड में पीड़िता के पिता ने ममता बनर्जी से जो प्रश्न पूछे हैं वही प्रश्न हमारे भी हैं. क्योंकि, इन्हीं प्रश्नों की नींव पर जांच और जांच का परिणाम आधारित है.


शुक्रवार (6 सितंबर) को एक प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी नेता संबित पात्रा ने डॉक्टरों के माता-पिता द्वारा उठाए गए तीन दावों को उठाया. पात्रा ने कहा कि आज पीड़िता के पिता के सवालों को उठाने की जरूरत है. वो ऐसा पिता हैं, जिनको न्याय नहीं मिला है. वो पिता, बीजेपी और देश की जनता भी जानना चाहती है कि ऐसी क्या वजह थी कि ममता सरकार ने पीड़िता के माता-पिता को रिश्वत देने की कोशिश की.


3.5 घंटे तक इंतजार करने को मजबूर


बीजेपी नेता संबित पात्रा ने आगे कहा कि ममता सरकार ने डीसी के माध्यम से पीड़िता के माता-पिता को रिश्वत देने की कोशिश की और वह भी उस समय पर जब पीड़िता का शव घर में ही था. कोई भी रिश्वत देने का प्रयास तभी करता है, जब वह भ्रष्ट होता है और सच्चाई को छुपाना चाहता है. पिता के आरोपों का हवाला देते हुए पात्रा ने कहा कि पहले उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी ने सुसाइड की. लेकिन, वे अपनी बेटी का शव देखने के लिए भी साढ़े तीन घंटे इंतजार करते रहे.


 




पोस्टमार्टम करने में देरी क्यों की गई?- संबित पात्रा


बीजेपी नेता पात्रा ने कहा कि पुलिस उनको अंदर नहीं जाने देती है, जबकि उस कमरे में कई लोग आ-जा रहे थे.वहां हर कोई सबकुछ जानता था, इसके बावजूद पश्चिम बंगाल पुलिस प्रशासन की धृष्टता को देखिए कि उन्होंने मौत के कारण में अननैचुरल डेथ लिखा. उन्हें एक खाली और सादे कागज पर हस्ताक्षर करने को कहा गया. पोस्टमार्टम करने में देरी क्यों की गई? अस्पताल ने एफआईआर क्यों नहीं कराई?


जल्दबाजी में अंतिम संस्कार क्यों कराया गया?


संबित पात्रा ने आगे पूछा कि शाम को माता-पिता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत को रात में एफआईआर के तौर पर दर्ज किया गया. जबरदस्ती करते हुए जल्दबाजी में अंतिम संस्कार क्यों कराया गया? किसी भी रिश्तेदार को डेड बॉडी के साथ एम्बुलेंस में नहीं जाने दिया गया, बल्कि उनकी बजाय वहां के टीएमसी के एक स्थानीय नेता को गार्जियन के तौर पर एम्बुलेंस में बैठा दिया गया.इंदिरा मुखर्जी और बंगाल सरकार के अन्य अधिकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जो तथ्य रख रहे हैं, वो सरासर झूठ है.


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