Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर के मामले की जांच सीबीआई कर रही है. इस दौरान केस की जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारी की अनुपस्थिति और एजेंसी के वकील के आने में 40 मिनट की देरी से शहर की एक नाराज कोर्ट ने सवाल उठाया. कोर्ट ने कहा कि क्या उसे मुख्य आरोपी को जमानत देनी चाहिए. ऐसे में कोर्ट ने जांच एजेंसी की खिंचाई भी की. साथ ही कहा कि यह उसके "सुस्त रवैये" को दिखाता है.


एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट में हुए घटनाक्रम के बाद टीएमसी ने सीबीआई और बीजेपी पर हमला बोला है. क्योंकि, इस जघन्य अपराध से निपटने के तरीके को लेकर तृणमूल कांग्रेस आलोचनाओं का सामना कर रही है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि न्याय को नुकसान पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं. जहां कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर जांच को कोलकाता पुलिस से एजेंसी को सौंप दिया गया था.


जानिए क्या है मामला?


ट्रेनी डॉक्टर की हत्या का मुख्य आरोपी संजय रॉय की जमानत याचिका पर शुक्रवार (6 सितंबर) को दोपहर सुनवाई करते हुए सियालदह कोर्ट के मजिस्ट्रेट ने कहा कि सीबीआई के जांच अधिकारी सुनवाई के दौरान मौजूद नहीं थे. जब रॉय के वकील ने जमानत के लिए दलीलें पेश कीं, तो अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पामेला गुप्ता को बताया गया कि सरकारी वकील देर से आएंगे. तब तक वकील का इंतजार जारी रहा.


मजिस्ट्रेट ने रॉय को 14 दिनों की ज्यूडिशीयल कस्टडी में भेजा


इस पर मजिस्ट्रेट ने टिप्पणी की कि क्या मुझे संजय रॉय को जमानत दे देनी चाहिए? यह सीबीआई की ओर से बेहद सुस्त रवैये को दर्शाता है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. वकील आखिरकार करीब 40 मिनट देरी से पहुंचे, जिससे बचाव पक्ष के वकील ने भी देरी का मुद्दा उठाया. इसके बाद बहस जारी रही और दोनों पक्षों को सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने रॉय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.


TMC ने BJP और CBI पर उठाए सवाल


वहीं, कोर्ट में जो कुछ हुआ, उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि यह "न्याय के प्रति घोर उपेक्षा" को दर्शाता है. इधर, टीएमसी नेता  चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि अदालत नाराज हो गई, इंतजार करती रही, फिर भी कोई नहीं आया. हम पूछना चाहते हैं कि क्या हुआ. विपक्ष इस पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहा है? सीबीआई को जांच का जिम्मा संभाले 24 दिन और 570 घंटे से अधिक समय हो गया है, नतीजा क्या रहा? पूरा देश पूछ रहा है. इससे पता चलता है कि सीबीआई मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है.


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