Kolkata rape-murder Case: पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या कर दी गई थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने आरजी कार मेडिकल डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने सहित पांच मांगें रखीं हैं.


दरअसल, प्रदर्शनकारी डॉक्टर आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल को निलंबित करने और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के लिए केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम (सीपीए) का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति के तत्काल गठन की भी मांग कर रहे हैं.


जानिए आईएमए ने कौन सी 5 मांगे रखी?



  • इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि डॉक्टरों पर हिंसा और अस्पतालों के नियमों में बदलाव करना होगा. 1897 के महामारी रोग अधिनियम में 2023 के संशोधनों को 2019 के अस्पताल संरक्षण विधेयक के मसौदे में शामिल करने वाला एक केंद्रीय अधिनियम मौजूदा 25 राज्य विधानों को मजबूत करेगा.

  • सभी अस्पतालों की सुरक्षा प्रोटोकॉल एयरपोर्ट से कम नहीं होनी चाहिए. अस्पतालों को अनिवार्य सुरक्षा अधिकार के साथ सुरक्षित क्षेत्र घोषित करना पहला कदम है. जिसमें सीसीटीवी, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल का पालन किया जा सकता है.

  • पीड़िता जिस 36 घंटे की ड्यूटी शिफ्ट में थी और आराम करने के लिए सुरक्षित स्थानों और पर्याप्त विश्राम कक्षों की कमी के कारण रेजिडेंट डॉक्टरों के काम करने और रहने की स्थिति में बड़े बदलाव की आवश्यकता है.

  • अपराध की समय-सीमा में सावधानीपूर्वक और पेशेवर जांच करके न्याय मिलना चाहिए. बर्बरता करने वाले गुंडों की पहचान की जाएगी और उन्हें कठोर सजा दी जाएगी.

  • इसके अलावा शोकाकुल परिवार को दी गई क्रूरता के अनुरूप उचित और सम्मानजनक मुआवज़ा दिया जाए.


IMA ने डॉक्टरों से 24 घंटे के लिए सेवाएं बंद करने का किया ऐलान


इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने देश भर के सभी मेडिकल डॉक्टरों द्वारा 24 घंटे के लिए सेवाएं बंद करने की घोषणा की है. यह हड़ताल शनिवार, 17 अगस्त को सुबह 6 बजे शुरू होगी और रविवार, 18 अगस्त को सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी.


कौन सी सेवाएं मिलेंगी और किन पर होगी रोक?


आईएमए के अनुसार, आपातकालीन और आकस्मिक सेवाएं पहले की तरह चलती रहेंगी, लेकिन इस अवधि के दौरान कोई ओपीडी सेवाएं या वैकल्पिक सर्जरी नहीं होंगी. हालांकि, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि ये हड़ताल "डॉक्टरों और बेटियों के लिए न्याय के इस संघर्ष में देश की समझ और समर्थन की मांग करते हुए कर रहा है.


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