Kolkata Rape-Murder Case: 'मेडिकल कॉलेज और अस्पताल घोषित किए जाएं सेफ जोन', जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद क्या बोले IMA के महासचिव?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष, महासचिव समेत अन्य लोगों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की. इस दौरान IMA ने सभी अस्पतालों में सेफ जोन की मांग उठाई.
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Kolkata Rape & Murder: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (Kolkata’s RG Kar Medical College) में महिला ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या की घटना से देशभर में गुस्सा है. राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों के अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर इस घटना के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं.
वहीं मंगलवार (13 अगस्त) को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान डॉ. आरवी अशोकन ने कई मांगों को उठाया. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से भी मुलाकात के बाद बातचीत की.
क्या बोले आईएमए के अध्यक्ष?
डॉ. आरवी अशोकन ने कहा, 'हमारी मुख्य मांग है कि सभी अस्पतालों को सेफ जोन घोषित किया जाए. सेफ जोनों को एक निश्चित मात्रा में सुरक्षा दी जानी चाहिए और इसे कानून में परिभाषित भी किया जाना चाहिए. हमारी दूसरी मांग केंद्रीय कानून को लेकर है, जिसकी हम बीते कई सालों से मांग भी कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, '25 राज्य कानूनों के बावजूद भी व्यावहारिक रूप से अपराधियों को सजा नहीं मिल पाती है. पूरे देश में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के मामले सामने आते रहते हैं इसलिए इस पर केंद्रीय कानून हमारी एक मांग है. पता चला कि हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया है जो स्वागतयोग्य है.'
क्या बोले आईएमए के महासचिव?
आईएमए के महासचिव डॉ. अनिल कुमार जे नायक ने कहा, 'आज (13 अगस्त) हमारे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association ) के लीडर्स की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ मीटिंग हुई. हमने मांग करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल को सेफ जोन घोषित किया जाए.'
उन्होंने कहा, 'डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक कानून लाया जाए. यूं तो करीब 25 राज्यों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून है लेकिन वो बराबर काम नहीं कर रहे हैं. इस स्थिति में जैसा केंद्र सरकार ने एफिडेविट में घोषित किया था, वैसा एक कानून लाया जाए ताकि सभी अस्पतालों के डॉक्टर पूरी सुरक्षा के साथ काम कर सकें. अगर किसी अस्पताल में 50 प्रतिशत महिला डॉक्टर हैं तो महिलाओं की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है.'
'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' पर कसा तंज
आईएमए के महासचिव डॉ. अनिल कुमार जे नायक ने कहा, 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दिया गया था लेकिन अब बेटी पढ़ भी गई लेकिन हम उन्हें बचा नहीं पाते. बेटी बचाने के लिए सुरक्षा देनी ही पड़ेगी.' बता दें कि बुधवार (14 अगस्त) को आईएमए महासचिव डॉ. अनिल कुमार जे नायक और अन्य लोगों की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक होनी है.
इस बैठक पर उन्होंने कहा, 'हम कल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे. वहां राज्य सरकार ने क्या-क्या किया इसको देखेंगे. सीएम ममता बनर्जी ने डॉक्टर के बारे में अच्छा बोला है. वो व्यक्तिगत तौर पर इस मामले में रूचि ले रही हैं, वो पुलिस को भी बोल रही हैं लेकिन जमीन पर उसका एक्शन नहीं दिखाई दिया क्योंकि पांच दिन हो गए और अभी तक एक ही आदमी को पकड़ा गया है. हाई कोर्ट ने भी सीबीआई जांच को बोला है और हम हाई कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करके हम इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के लोग हड़ताल के बारे में सोचेंगे.'
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