Kolkata Rape-Murder Case: आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस वारदात को अंजाम देने वाला रेपिस्ट कातिल संजय रॉय पुलिस की पकड़ में आ चुका है. मगर बावजूद इसके यह मामला इतना उलझा हुआ कि सब हैरान हैं. इधर, कोलकाता पुलिस के हलफनामे में बड़ा खुलासा हुआ है. जहां पुलिस को पीड़िता के बेहोश होने की जानकारी 10 बजे पता चली थी. मगर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेनी डॉक्टर की मौत पहले ही हो चुकी थी. 


इस बीच कोलकाता पुलिस की ओर से दायर कोलकाता हाई कोर्ट में हलफनामे की कॉपी में बड़ा खुलासा हुआ है. इस कॉपी में कोलकाता पुलिस ने लिखा है कि 10:10 पर लड़की के बेहोश होने की जानकारी मिली थी. जबकि पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट में लड़की की मौत 3 से 4 बजे के बीच हुई है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कोलकाता पुलिस मामले को दबाने में लगी थी? वहीं, सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट में कोलकाता पुलिस का ये हलफनामा भी शामिल है.


CBI ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट


सीबीआई और कोलकाता पुलिस ने अब तक हुई जांच की स्टेटस रिपोर्ट आज (22 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दी है. सीलबंद कवर में स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की गई है. कोर्ट के निर्देश के मुताबिक सीबीआई को मामले में अब तक की जांच की प्रगति के बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी थी. 


मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ. संदीप घोष ने बरती लापरवाही-CBI


इस दौरान जांच एजेंसी सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस पूरे मामले में लीपापोती की कोशिश की गई. स्टेटस रिपोर्ट में अस्पताल प्रशासन को सीधे कठघरे में खड़ा किया गया है. सीबीआई ने पूर्व प्रिसिंपल की भूमिका पर भी सवाल उठाए और कहा कि उन्होंने कैसे इस मामले को दबाने के लिए आत्महत्या बताने की कोशिश की.


सीबीआई ने कहा कि इतने संगीन मामले में अस्पताल के अधिकारी, खासकर मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ. संदीप घोष ने लापरवाही बरती. उन्होंने घटना के बाद अपराध स्थल की पूरी तरह से सुरक्षा नहीं की. घोष को जब डॉक्टर की हत्या का पता चल गया था तो उन्होंने कार्रवाई करने की बजाए आत्महत्या करार देने की कोशिश की. परजिनों को भी उसका शव नहीं दिखाया.


संदीप घोष से CBI ने 77 घंटे की पूछताछ


सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिसिंपल संदीप घोष से लगातार पूछताछ की जा रही है. सीबीआई की टीम अब तक उनसे करीब 77 घंटे पूछताछ कर चुकी है. उनके बयान में कुछ खामिया मिली हैं. जांच एजेंसी को इस बात के सबूत मिले हैं कि वारदात की जगह पर सबूत मिटाने के लिए छेड़खानी की गई. मामले को संभालने में अस्पताल के अधिकारियों की ओर से लापरवाही की गई.


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