कोलकाता रेप कांडः पुलिस को SC से लताड़! मजिस्ट्रेट से कहा- आरोपी के पॉलीग्राफी टेस्ट पर कल शाम तक दें आदेश
Kolkata Doctor Rape Murder Case: सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट और पुलिस की केस डायरी को देखने के बाद जजों ने पाया कि कई घंटों तक शव को यूं ही पड़े रहने दिया. कोर्ट ने पुलिस के काम पर भी सवाल उठाए.
Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (22 अगस्त 2024) को एक बार फिर पुलिस को कड़ी फटकार लगाई. सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद कोर्ट ने जांच में तेजी लाने की जरूरत बताई.
जजों ने कहा कि आरोपी के पॉलीग्राफी टेस्ट को लेकर सीबीआई के आवेदन पर कोलकाता के मजिस्ट्रेट 23 अगस्त की शाम 5 बजे तक आदेश दे दें. कोर्ट ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की और कहा कि अगर वह काम पर लौटेंगे तो राज्य सरकारों को उनके खिलाफ कार्रवाई करने से रोक दिया जाएगा.
अहम सबूत मिट जाने का अंदेशा
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने कहा, "मामले की सूचना मिलने से लेकर रिपोर्ट लिखने तक पुलिस ने हर बात में ढिलाई बरती. यहां तक कि घटनास्थल को भी सुरक्षित नहीं किया गया. इससे अहम सबूत मिट जाने का अंदेशा है. बेंच के सदस्य जस्टिस पारडीवाला ने कहा कि पुलिस ने जिस तरह से काम किया, वह आपराधिक प्रक्रिया संहिता से बिल्कुल अलग थी. उन्होंने अपने 30 साल के करियर में कभी ऐसा नहीं देखा.
सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट और पुलिस की केस डायरी को देखने के बाद जजों ने पाया कि सुबह घटना की जानकारी मिलने के लगभग 14 घंटे बाद पुलिस ने एफआईआर लिखी. कई घंटों तक शव को यूं ही पड़े रहने दिया. घटनास्थल को भी रात में सुरक्षित किया गया, जबकि यह सुबह ही हो जाना चाहिए था. सीबीआई की तरफ से सीलबंद लिफाफे में दी गई रिपोर्ट को सुनवाई के बाद दोबारा सील कर दिया गया.
3 जजों की बेंच ने डॉक्टरों की सुरक्षा पर एक बार फिर जोर दिया. बेंच ने कहा कि उसकी तरफ से बनाई गई टास्क फोर्स को लोग अपने सुझाव भेजें. बेंच ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से कहा कि वह इसके लिए एक पोर्टल बनाए. जजों ने एक बार फिर हड़ताली डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की.
"क्या हम भी काम रोक कर बैठ सकते हैं?"
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "न्याय और चिकित्सा को कभी रुकना नहीं चाहिए. क्या हम जज भी काम रोक कर सुप्रीम कोर्ट के बाहर बैठ सकते हैं? डॉक्टरों के काम न करने का असर दूर-दूर से आने वाले मरीजों पर पड़ता है. उनका निराश होकर लौट जाना सही नहीं." कुछ मेडिकल संगठनों ने हड़ताली डॉक्टरों के ऊपर राज्य सरकारों की तरफ से दर्ज केस की बात कही. इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर डॉक्टर काम पर लौट जाएं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने दी जाएगी.
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