Kolkata Rape Murder Case Live: हड़ताल खत्म कर कल शाम तक काम पर लौटें सभी डॉक्टर, CJI ने ममता बनर्जी सरकार को दिया कार्रवाई न करने का आदेश
Kolkata Rape Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार से जांच की स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी. सरकार ने कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी है. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है.
जूनियर डॉक्टरों की वकील ने पीठ के सामने कहा कि हम सिर्फ 2% हैं. बाकी लोग काम कर रहे हैं. इस पर CJI ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं कि आप काम नहीं करेंगे. यह सुनकर वकील ने कहा कि हम सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं. हमें कम से कम 3 दिन दीजिए. सीजेआई ने तीन दिन देने से इंकार करते हुए कहा कि हमने 2 दिन दिए हैं. कल शाम 5 बजे तक का समय है. इसके बाद उन्होंने डीएम और SP को आदेश दिया कि वे भी देखें कि डॉक्टर सुरक्षित महसूस करें.
वकील ने अदालत में कहा कि डॉक्टरों को धमकाया जा रहा है. उनसे कहा जा रहा है कि हम तुम्हारे परिवार के बारे में जानते हैं. इस पर कार्रवाई होनी चाहिए. महिला डॉक्टरों के आराम के लिए अलग जगह नहीं है. अलग टॉयलेट नहीं है. इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम आदेश देते हैं कि अगर कल शाम 5 बजे तक डॉक्टर काम पर लौट आते हैं तो राज्य सरकार उन पर कोई कार्रवाई न करे. अगर कोई डॉक्टर अपनी सुरक्षा को लेकर शिकायत करता है, तो पुलिस सुपरिटेंडेंट उस पर संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करें.
सीजेआई ने कहा कि सॉलिसीटर ने बताया है कि चालान नंबर 5371 (डेड बॉडी चालान) पुलिस ने CBI को नहीं सौंपा. एक याचिकाकर्ता बता रहे हैं कि हाई कोर्ट की सुनवाई में यह चालान रखा गया था. हम भी उसे देखना चाहते हैं. वहीं सिब्बल ने कहा कि डॉक्टरों के काम न करने के चलते लाखों लोगों पर असर पड़ रहा है. 23 लोगों की मौत भी हो चुकी है. इसके बाद सीजेआई ने कहा कि हम आदेश देंगे कि डॉक्टर काम पर लौटें, तो राज्य सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न करे... लेकिन अगर वह नहीं लौटते तो हम राज्य सरकार को कार्रवाई से नहीं रोक सकते.
सुनवाई के दौरान एक वकील ने सोशल मीडिया पर अभी तक पीड़िता की तस्वीर और पहचान मौजूद होने का मसला उठाया. इस पर कोर्ट ने इन फोटो को फौरन हटाने का आदेश दिया.
रेजिडेंट डॉक्टरों की वकील ने कहा कि कोर्ट ने उपद्रवियों की पहचान जाननी चाही थी. हमने कई नाम सीलबंद लिफाफे में सौंपे हैं. ये लोग तस्वीरों से पहचाने जा सकते हैं. कुछ लोग घटनास्थल पर भी घुसे थे.
वकील ने कहा कि जिस व्यक्ति ने सबसे पहले शव देखा, उसकी सूचना के आधार पर तुरंत FIR दर्ज होनी चाहिए थी. सीजेआई ने इस पर कहा कि बिल्कुल, इसमें कम से कम 14 घंटे की देरी हुई है. सॉलिसीटर ने कहा कि आज सिब्बल को यह भी बताना था कि डॉक्टर घोष को तुरंत दूसरी नियुक्ति क्यों दी गई, लेकिन हमने आज इस पर चर्चा नहीं की गई.
वकील ने कहा कि लड़की का पैर 90 डिग्री के एंगल पर मुड़ा था. ऐसा हिप की हड्डी टूटने से हो सकता है. क्या पोस्टमॉर्टम करने वालों ने एक्सरे किया. इस पर सिब्बल ने बताया कि हमने परिवार को डेड बॉडी चालान दिया था. उसकी कॉपी अभी नहीं है. यह सुनकर सीजेआई ने कहा कि यह कॉपी अहम है. उसमें दर्ज होता है कि पीड़िता के शरीर पर क्या कपड़े थे, शरीर पर और क्या मिला था. वकील ने कहा कि इस जानकारी के बिना डॉक्टर पोस्टमॉर्टम के लिए शव को स्वीकार ही नहीं कर सकता. इसके अलावा इस बात पर भी स्पष्टता भी जरूरी है कि मौत कब हुई. CJI ने सहमति जताते हुए कहा कि बिल्कुल, यह जानना भी जरूरी है कि सबसे पहले शव कब देखा गया.
वकील के सवालों के बाद सॉलिसीटर ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बलात्कार और गला घोंट कर हत्या की बात कहता है. हम सैंपल दूसरे लैब को भेज रहे हैं. इस पर वकील ने कहा कि समस्या यह है कि पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर को शव उस हाल में नहीं मिला, जिसमें वह बरामद हुआ था. जस्टिस पारदीवाला ने CFSL पश्चिम बंगाल की रिपोर्ट पर सवाल उठाया. सॉलिसीटर से कहा कि वह पहली ही लाइन को अपने मन में पढ़ें. सॉलिसीटर ने कहा कि शव मिलने से लेकर पोस्टमॉर्टम तक में हुई देरी हमारी जांच के दायरे में है.
वकील ने कहा कि पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों को वजाइनल स्वैब को 4 डिग्री तापमान पर सुरक्षित रखना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. सॉलिसीटर ने कहा कि मौत का पता चलने के बाद 5 घंटे तक घटनास्थल खुला रहा. वहां कोई भी आ-जा रहा था. सबूत मिटने का भी अंदेशा है.
एक वकील ने पीड़िता के माता-पिता को रिश्वत ऑफर किए जाने का आरोप कोर्ट में उठाया और इसकी जांच की भी मांग की. इस पर CJI ने कहा कि हम इस पर अलग से कोई आदेश नहीं देंगे. हर बात CBI जांच के दायरे में है. एक दूसरे वकील ने देर रात पोस्टमॉर्टम को नियमों के खिलाफ बताया. वकील ने कहा कि पोस्टमॉर्टम शाम 6 बजे के बाद नहीं होता. यहां देर शाम पोस्टमॉर्टम हुआ. साढ़े 11 बजे रात के बाद FIR हुई. मैंने आज तक ऐसा नहीं देखा. पोस्टमॉर्टम में नियमों की पूरी तरह अनदेखी हुई है. दोपहर ढाई बजे के बाद थाने में सिर्फ 10 GD एंट्री दर्ज होना भी संदेह को जन्म देता है. क्या यह एंट्री दिखावे के लिए दर्ज की गई.
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के उस आवेदन पर भी चर्चा हुई जिसमें राज्य सरकार पर CISF से सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया गया है. इस पर सिब्बल ने कहा कि हमने CISF की दो कंपनियों को जगह उपलब्ध करवाई है. एक कंपनी 13 मिनट की दूरी पर है, दूसरी 6 मिनट की दूरी पर है. बाकी के लिए भी बंदोबस्त कर रहे हैं. इसके बाद CJI ने आदेश लिखवाना शुरू किया. आदेश में कहा गया कि बंगाल सरकार का कहना है कि वह 3 कंपनियों को जगह उपलब्ध करवा रही है. हम निर्देश देते हैं कि पश्चिम बंगाल के एक वरिष्ठ अधिकारी और CISF के एक वरिष्ठ अधिकारी आपस मे समन्वय स्थापित करें. CISF को 6 बस भी उपलब्ध करवाई जाए.
सीजेआई ने कहा कि हमने आपकी तरफ से प्रस्तावित जांच की दिशा को जाना. हम इस पर खुली अदालत में टिप्पणी नहीं करेंगे. हम एक सप्ताह के लिए सुनवाई टाल रहे हैं. आप नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. अब 17 सितंबर को सुनवाई होगी.
सॉलिसीटर ने सीसीटीवी फुटेज को लेकर कपिल सिब्बल के जवाब को सुनकर कहा कि हमें सिर्फ 27 मिनट के फुटेज दिए, जबकि सर्च एंड सीजर 8.30 से 10.45 तक चला. सॉलिसीटर ने कहा कि लड़की का शव जब मिला, तब वह सेमी न्यूड अवस्था में थी. इन्होंने सीएफएसएल वेस्ट बंगाल को सैंपल भेजे. हम एम्स और दूसरे लैब को भेजेंगे. सैंपल जमा करने की प्रक्रिया भी संदिग्ध थी, इसलिए, हम दोबारा जांच करवा रहे हैं.
CJI ने स्टेटस रिपोर्ट पढ़ने के बाद पूछा कि सर्च और सीजर कब हुआ? इस पर सॉलिसीटर ने कहा कि महिलाकर्मियों को भी दूर से आना पड़ा. मेटल डिटेक्टर जैसे उपकरण रखने की भी जगह नहीं दी. कुछ तकनीकी कमियों के चलते टुकड़ों में फुटेज दी गई है. वहीं, सिब्बल ने जवाब दिया कि रात 8.30 से 10.45 के बीच ये प्रक्रिया हुई. CJI ने पूछा कि क्या घटना के समय की CCTV फुटेज CBI को मिल गई है, जिसमें आरोपी सेमिनार रूम में जाते और आते दिख रहा है. सीजेआई के इस सवाल पर सिब्बल और सॉलिसीटर ने हां में जवाब दिया. CJI ने पूछा कि क्या सर्च और सीजर की वीडियोग्राफी CBI को दी गई. इस पर सिब्बल ने हां में जवाब दिया.
CJI ने पूछा कि वह डायरी एंट्री कौन सी है, जो बाद में UD (अननेचुरल डेथ) में तब्दील हुई. इस पर सिब्बल ने कहा कि डायरी एंट्री 565 है और dd एंट्री 2.55 की है. सॉलिसिटर ने इसे गलत बताते हुए कहा कि एंट्री 565 सिर्फ मेडिकल रिपोर्ट है. GD दोपहर 3.30 की है. UD रात 11.30 बजे की है. सिब्बल ने टोकते हुए कहा कि 4.10 से 4.40 के बीच मैजिस्ट्रेट ने घटनास्थल का मुआयना किया.
सीजेआई ने पूछा कि अप्राकृतिक मौत की रिपोर्ट दर्ज होने का समय क्या है? इस पर पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि रिपोर्ट दोपहर 2:55 बजे दर्ज हुई और डेथ सर्टिफिकेट 1:47 पर जारी हुआ था.
सुनवाई के दौरान CJI ने पूछा कि प्रिंसिपल के घर और कॉलेज में कितनी दूरी है? इस पर सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि करीब 15-20 मिनट की दूरी है.
बैकग्राउंड
Kolkata Doctor Rape Murder Case Live Updates: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या केस में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (9 सितंबर 2024) को अहम सुनवाई शुरू हुई. सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने बताया कि राज्य में डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. वहीं सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमें बंगाल सरकार के रिपोर्ट की कॉपी नहीं मिली है. इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि हमने रिपोर्ट कोर्ट को दी है.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस बीच कहा कि चलिए इसकी बजाय फिलहाल हम देखते हैं कि जांच की क्या स्थिति है. सीजेआई ने सीबीआई की ओर से पेश स्टेटस रिपोर्ट पढ़ने के बाद पूछा कि प्रिंसिपल के घर और कॉलेज के बीच कितनी दूरी है? सॉलिसीटर जनरल ने बताया कि लगभग 15-20 मिनट की.
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