Kolkata Doctor Rape-Murder Case Latest News: कोलकाता के केजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में सियासत जारी है. एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) लगातार एक-दूसरे पर जुबानी हमले बोल रही है, तो वहीं दूसरी तरफ दोनों ही दल एक-दूसरे के विरोध में विरोध-प्रदर्शन भी कर रहे हैं.


इसी कड़ी में अब बीजेपी के बंद के बाद टीएमसी ने सड़कों पर उतरने का फैसला किया है. टीएमसी ने केंद्र सरकार से ट्रेनी डॉक्टर से रेप केस में जल्द न्याय दिलाने और रेप केस में फांसी की सजा का कानून पास कराने की मांग को लेकर पूरे पश्चिम बंगाल में आज (31 अगस्त 2024) विरोध-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.


ममता ने 1 सितंबर को भी प्रदर्शन का किया है ऐलान 


कोलकाता की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो दिन पहले ऐलान किया था कि 30 अगस्त को टीएमसी के समर्थक छात्र प्रदर्शन करेंगे, जबकि 31 अगस्त को पार्टी के कार्यकर्ता और नेता हर ब्लॉक में प्रोटेस्ट करेंगे. दूसरी तरफ 1 सितंबर 2024 यानी रविवार को टीएमसी का महिला मोर्चा भी प्रदर्शन करेगा. ममता बनर्जी की केंद्र सरकार से मांग है कि देश में रेप के खिलाफ सख्त कानून बने. उन्होंने कहा था कि वह विधानसभा में ऐसा कानून लाएंगी जिससे रेप केस में पीड़िता को 10 दिन में न्याय मिलेगा और अगर बिल को राजभवन ने पारित नहीं किया तो वहां भी प्रदर्शन किया जाएगा.


केंद्रीय मंत्री ने ममता के लेटर का दिया जवाब


इन सबसे अलग अब केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दूसरे पत्र का जवाब दिया है, जिसमें बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर सख्त कानून और अनुकरणीय सजा की मांग की गई है. अन्नपूर्णा देवी ने अपने जवाब में कहा, "पश्चिम बंगाल में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) और विशेष पॉक्सो कोर्ट की स्थिति के बारे में आपके पत्र में दी गई जानकारी के संबंध में, मैं यह उल्लेख करना चाहूंगी कि कलकत्ता उच्च न्यायालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल ने 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) स्थापित किए हैं, जो केंद्र सरकार की योजना के तहत आने वाले फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के समान नहीं हैं..."






'लेटर में दी गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत'


केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने जवाब में आगे लिखा, "... पश्चिम बंगाल में बलात्कार और पॉक्सो के 48,600 मामले लंबित होने के बावजूद, राज्य ने अतिरिक्त 11 एफटीएससी चालू नहीं किए हैं, जो राज्य की आवश्यकता के अनुसार विशेष पॉक्सो कोर्ट या बलात्कार और पॉक्सो दोनों मामलों से निपटने वाले संयुक्त एफटीएससी हो सकते हैं. जैसा कि देखा जा सकता है, इस संबंध में आपके पत्र में दी गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत है और ऐसा लगता है कि यह राज्य की ओर से एफटीएससी चालू करने में देरी को छिपाने की दिशा में उठाया गया कदम है."


ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लेटर लिखकर की थी ये मांग


दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित अपने दूसरे पत्र में ममता बनर्जी ने बलात्कार और हत्या के मामलों के समयबद्ध निपटान के लिए अनिवार्य प्रावधान की मांग की थी. ये दोनों पत्र कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की सीबीआई जांच के बीच सामने आए हैं.


अमित मालवीय ने भी टीएमसी चीफ पर बोला हमला 


दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के भाजपा सह-प्रभारी अमित मालवीय ने भी ममता बनर्जी पर इस मुद्दे को लेकर हमला बोला है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "यह ममता बनर्जी का दायित्व है कि वे बताएं कि पश्चिम बंगाल सरकार ने महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए मौजूद सख्त नियमों और विनियमों को लागू करने के लिए कुछ क्यों नहीं किया है. पत्र लिखना बंद करें. सवालों के जवाब दें.. आप जवाबदेह हैं."


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