Kolkata Doctor Rape Murder Case Latest News: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या मामले में पीड़ित परिवार ने बुधवार (4 सितंबर 2024) को पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया. पीड़िता के पिता ने कहा कि पुलिस ने न सिर्फ उनकी बेटी के शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करके मामले को दबाने की कोशिश की, बल्कि हमें रिश्वत देने की भी कोशिश की.


पीड़िता के पिता ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि पुलिस ने शुरू से ही मामले को दबाने की कोशिश की. हमें शव देखने नहीं दिया गया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने तक हमें थाने में इंतजार करना पड़ा. बाद में जब शव हमें सौंपा गया तो एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हमें पैसे की पेशकश की, जिसे हमने तुरंत अस्वीकार कर दिया. पीड़िता के माता-पिता ने बुधवार रात जूनियर डॉक्टरों के साथ आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में विरोध-प्रदर्शन में भाग लेते हुए अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग की.


घर की लाइट बंद कर जताया विरोध


वहीं बुधवार को पश्चिम बंगाल में हजारों महिलाओं ने पीड़िता के परिवार के लिए न्याय की मांग करते हुए ‘रिक्लेम द नाइट’ अभियान के तहत आधी रात को मार्च निकाला. इसकते तहत रात करीब 9 बजे कोलकाता में लोगों में काफी एकजुटता दिखी. निवासियों ने एक घंटे के लिए अपने घर की लाइटें बंद कर दीं और हाथों में मोमबत्तियां लेकर सड़कों पर उतर आए.


जूनियर डॉक्टरों ने अनोखे अंदाज में जताया पुलिस को विरोध


इससे पहले मंगलवार (3 सितंबर 2024) को कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शहर के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को हाथ से बनाई गई कृत्रिम रीढ़ भेंट की और मामले में कथित खामियों को लेकर उनके इस्तीफे की मांग की. इस तरह का विरोध पुलिस को “अपनी रीढ़ मजबूत करने” के लिए कहने का एक तरीका था. वहीं, पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों की ओर से बुधवार को भी विरोध-प्रदर्शन जारी रहा, जबकि अधिकांश अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहीं.


9 अगस्त को रेप के बाद कर दी गई थी ट्रेनी डॉक्टर की हत्या


बता दें कि 9 अगस्त को 31 वर्षीय ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में अर्धनग्न अवस्था में मिला था. जांच में पता चला था कि डॉक्टर की रेप के बाद गला घोंटकर हत्या की गई है. घटना के एक दिन बाद कोलकाता पुलिस ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया था, क्योंकि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में उसे अपराध के अनुमानित समय के आसपास बिल्डिंग में घुसते हुए देखा गया था. इसके अलावा उसका ब्लूटूथ हेडफोन अपराध स्थल के पास मिला था. घटना के एक सप्ताह बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.


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