(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Anti Rape Bill: बंगाल एंटी रेप बिल संवैधानिक रूप से वैध, लेकिन अभी बाकी है ये काम, एक्सपर्ट ने बताई वजह
West Bengal Anti Rape Bill: राज्य मंत्रिमंडल ने 28 अगस्त को बलात्कार को रोकने और ऐसे अपराधों के लिए सख्त सजा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक नया विधेयक पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
What is West Bengal Anti Rape Bill: कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के बाद सवालों से घिरी पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने आज (3 सितंबर 2024) विधानसभा में एंटी रेप बिल पेश किया.
इस बिल को लेकर देशभर में खूब चर्चा हो रही है. कानूनी विशेषज्ञों ने इसे लेकर कहा कि राज्य सरकार की ओर से इस तरह का संशोधन लाने का फैसला सही है, लेकिन इसके लिए राष्ट्रपति की मंजूरी की जरूरत है.
क्या है विधेयक?
पश्चिम बंगाल सरकार ने आज जिस एंटी रेप बिल को विधानसभा में पेश किया उसमें बलात्कारियों के लिए मृत्युदंड की बात है. इसमें रेप के मामलों में सुनवाई समयबद्ध तरीके से करने का भी प्रावधान किया गया है. दरअसल, राज्य मंत्रिमंडल ने 28 अगस्त को बलात्कार को रोकने और ऐसे अपराधों के लिए सख्त सजा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक नया विधेयक पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
क्या है बिल पास कराने की प्रक्रिया?
राज्य सरकार की ओर से लाया गया कोई ऐसा विधेयक संशोधन जो केंद्र सरकार के विधेयक के समानांतर होकर अलग प्रावधान करता है तो ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को इस विधेयक के संशोदन के लिए उसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजना होता है. अगर तकनीकी पहलु से समझें तो राज्य सरकार की ओर से लाया गया कोई भी संशोधन भारतीय न्याय संहिता (BNS) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के नए आपराधिक कानूनों के तहत निर्धारित दंड के साथ असंगत दंड निर्धारित करेगा तो उस स्थिति में उस विधेयक को संविधान के अनुच्छेद 254(2) के तहत राष्ट्रपति की स्वीकृति जरूरी होती है. अनुच्छेद 254(2) राज्य विधानमंडल को समवर्ती सूची में किसी मामले पर केंद्रीय कानून के विपरीत कानून पारित करने की अनुमति देता है, लेकिन केवल तभी जब राज्य कानून को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हो.
ममता बनर्जी ने जताई थी अपनी मजबूरी
बता दें कि डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में राज्य सरकार पर लगातार होते हमलों के बीच 28 अगस्त को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर राज्य सरकार के पास शक्ति होती तो वह ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में आरोपियों को मौत की सजा दिलातीं. उन्होंने कहा था, "अगर राज्य सरकार के पास शक्ति होती तो हम डॉक्टर की हत्या के आरोपियों को सात दिनों के अंदर मृत्युदंड दिलाते. हम डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में आरोपियों को मृत्युदंड दिलाने के लिए आंदोलन शुरू करेंगे."
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