Sandeshkhali Case: 'एक पर्सेंट भी सच है तो है बेहद शर्मनाक,' संदेशखाली केस में ममता सरकार को हाई कोर्ट की फटकार
Sandeshkhali Case: संदेशखाली मामले के मुख्य आरोपी शेख शाहजहां को कोलकाता पुलिस ने 55 दिनों तक फरार रहने के बाद 29 फरवरी को गिरफ्तार किया था.
West Bengal Sandeshkhali Case: लोकसभा चुनाव से पहले संदेशखाली मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी की सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किए गए हैं जिसमें संदेशखाली मामले में जबरन वसूली, भूमि हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कराने की मांग की गई. इस मामले में गुरुवार (4 मार्च, 2024) को सुनवाई करते हुए कोर्ट का रूख काफी सख्त नजर आया.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने संदेशखाली के मुख्य आरोपी शाहजहां के खिलाफ 5 जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. संदेशखाली में हिंसा की घटनाओं को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस से कहा कि जिसके स्थानीय नेता शेख शाहजहां, जोकि इस मामले में मुख्य आरोपी है. उनको बचाने के प्रयासों की वजह से सरकार की काफी आलोचना भी हुई है. कोर्ट ने सख्त लहजे में यह भी कहा कि अगर लगाए गए आरोप सही में सच साबित होते हैं तो वह (तृणमूल कांग्रेस) जवाबदेही से नहीं बच सकती.
'सत्ताधारी दल की 100 फीसदी नैतिक जिम्मेदारी'
मुख्य न्यायाधीश शिवगणनम ने कहा कि यदि एक भी हलफनामा सच है तो यह शर्मनाक है. इसके लिए पूरा प्रशासन और सत्ताधारी दल नैतिक रूप से 100 फीसदी नैतिक तौर पर जिम्मेदार है. कोर्ट ने कहा कि यह लोगों की सुरक्षा से जुड़ा मामला है. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर एससी-एसटी राष्ट्रीय आयोग की रिपोर्ट को देखें तो अगर इसमें 1 पर्सेंट भी सच्चाई है तो यह 100 फीसदी शर्मनाक है. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार और जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वो महिलाओं की सुरक्षा किस प्रकार सुनिश्चित करे.
शेख शाहजहां को 29 फरवरी को किया था गिरफ्तार
कोर्ट ने आगे सुनवाई करते हुए टीएमसी के निलंबित नेता और संदेशखाली मामले के मुख्य आरोपी शेख शाहजहां के वकील को फटकार लगाई. शाहजहां करीब दो माह तक पुलिस अधिकारियों से बचता रहा जिसको 29 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. उसकी देरी से गिरफ्तारी होने की वजह से बंगाल सरकार की किरकिरी हुई. इस मामले में हाई कोर्ट को राज्य को एक स्पष्ट आदेश जारी करने के लिए मजबूर किया गया.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आप (शेख शाहजहां) 55 दिन तक भागे हुए थे... लुका-छिपी का खेल खेल रहे थे.
शाहजहां के वकील की तरफ से कोर्ट में दलील दी गई कि मुझे (शेख शाहजहां) फरार बताया गया (जबकि) जमानत याचिका लंबित थी. कोर्ट की ओर से फिलहाल इस मामले पर फैसला सुरक्षित रखा गया है.
कोर्ट ने पिछली सुनवाई में बंगाल पुलिस को बताया था 'पक्षपाती'
इस बीच देखा जाए तो पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बंगाल पुलिस को 'पूरी तरह से पक्षपाती' माना था और शेख शाहजहां के खिलाफ आरोपों की 'निष्पक्ष, ईमानदार और पूर्ण जांच' करने को कहा था. इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि इससे बेहतर कोई मामला नहीं हो सकता... जिसको ट्रांसफर करने की जरूरत है (और) इसकी जांच सीबीआई की ओर से जानी चाहिए.
यह भी पढ़ें: Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी पर बरसीं ममता बनर्जी, बोलीं- 'एक बार सांप पर भरोसा कर सकते हैं भगवा पर नहीं'