कोलकाता: कोलकाता में सोमवार को इतनी बारिश हुई जितनी पिछले 14 साल में सितंबर के महीने में नहीं हुई थी. बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण से शुरू हुई भारी बारिश ने रविवार रात से कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों को काफी प्रभावित किया. सोमवार को शहर के बड़े हिस्से में पानी भर गया, जिस वजह से सर्कुलर रेल संचालन को निलंबित कर दिया गया. कुछ लंबी दूरी की ट्रेनों को अलग कर दिया गया. सड़क यातायात में बाधित हो गया. हालांकि, नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल (एनएससीबीआई) एयरपोर्ट के अधिकारियों ने कहा कि उड़ान सेवाएं प्रभावित नहीं हुई हैं.


कई जिले जलमग्न हो गए. एक हजार से अधिक लोगों के साथ 577 राहत शिविर बनाए गए हैं और कुल 1 लाख 41 हजार लोगों को निकाला गया है. इस स्थिति में आपदा से निपटने के लिए हर जिला अधिकारी को आपातकालीन राशि दी गई है और नियंत्रण कक्ष 24 घंटे तैयार किया जा रहा है. टोल फ्री नंबर 107022183526 है|


क्षतिग्रस्त क्षेत्रों को 6,000 कैनवस दिए गए हैं. दीवारों और बिजली के करंट की चपेट में आने से 14 लोगों की मौत हो गई. इसी महीने की 14 से 18 तारीख के बीच इनमें से 6 की दीवार की चपेट में आने से मौत हो गई और आठ की डूबने से मौत हो गई. इनमें से 8 पश्चिम मिदनापुर से और एक पूर्वी मिदनापुर से था और पूर्वी मिदनापुर से अरविंद जाना नाम का एक व्यक्ति भी लापता है.


पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर में गुरुवार तक 3 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए थे क्योंकि दोनों जिलों में भारी बाढ़ आ गई थी. अब तक 47 ब्लॉक और आठ नगर पालिकाएं जलमग्न हो चुकी हैं. कुल 13 लाख 14 हजार 328 लोग पानी में कैद हैं. नबन्ना आपदा प्रबंधन कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार 1 लाख घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. कोलकाता में पिछले 14 सालों में सितंबर की सबसे भारी बारिश इस साल हो रही है.


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