पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक ऐसा पेट्रोल पंप है जिसे पूरी तरह से महिलाएं चलाती हैं. यहां दिनभर गाड़ियों में पेट्रोल भरने के बाद अपना घर चलाने वालीं इन महिलाओं का सामना रोजाना सैकड़ों लोगों से होता है. इसी दौरान तेल के बढ़ते दामों पर लोगों के रिएक्शन भी ये महिलाएं देखती हैं. हमने इस पेट्रोल पंप पर काम करने वाली महिलाओं से बात की और उनसे तमाम सवालों के जवाब जानने की कोशिश की. 


बढ़ती महंगाई में कम वेतन
बढ़ती महंगाई में छोटी सी सैलरी से घर चलाने के सवाल पर यहां काम करने वाली महिला ने कहा कि, लॉकडाउन के पहले जो पगार थी वही अभी है. हमारा खर्चा और जिम्मेदारी बढ़ रही है, लेकिन उस हिसाब से अभी भी वेतन नहीं मिल रहा है. हम सुन रहे हैं कि बढ़ेगा, लेकिन लॉकडाउन के कारण अटक गया है. पहले गाड़ी का भाड़ा था 24 रुपये अभी 40 रुपये पहुंच गया है. हर वक़्त तो बस में नहीं आ सकते अगर देरी हो गयी तो ऑटो में आना पड़ता है तो ऑटो का भाड़ा हो गया 30 रुपये, फिर बस में 15 रुपये देने होते हैं. जिससे हमारी जेब पर असर पड़ता है. जो वेतन मिलता है वो खर्च हो जाता है. महंगाई के हिसाब से सैलरी भी बढ़नी चाहिए.


पेट्रोल-डीजल के दाम देखकर क्या बोलते हैं लोग?
रोजाना तेल की कीमतों को लेकर लोगों का गुस्सा देखने वालीं इन महिलाओं ने बताया कि, लोग बोलते हैं कि महंगाई इतनी बढ़ गई है. सरकार को भला-बुरा कहते हैं. टैक्सी वाले लोगों पर ज्यादा असर पड़ा है. प्राइवेट गाड़ी को उतना फर्क नहीं पड़ा, लेकिन हम लोग देखते हैं कि टैक्सी वाले लोगों को बहुत समस्या हो रही है. वो इसका जिक्र भी करते हैं. 


इस पेट्रोल पंप पर काम करने वालीं इन महिलाओं ने बताया कि, हमारे पति पर्याप्त नहीं कमा पाते हैं, इसलिए हम यहां हैं. वे थोड़ा देते हैं, हम भी थोड़ा जोड़ते हैं और हम ऐसे ही जी रहे हैं. ये सभी महिलाएं भले ही तमाम तरह की चुनौतियों का सामना कर रही हों और किसी तरह अपना घर चला रही हों, लेकिन इनके चेहरे पर हमेशा एक प्यारी सी मुस्कान देखने को मिलती है. पेट्रोल पंप के अलावा वो अपने घर को भी इसी तरह से चला रही हैं. हालांकि इन्हें ये भी उम्मीद है कि एक ना एक दिन उनकी सैलरी में भी इजाफा होगा और उन्हें अपने घर को संभालने में थोड़ी आसानी होगी. 


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