कोलकाता: अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती रविवार को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष एवं अन्य ने मिथुन चक्रवर्ती का पार्टी में स्वागत किया.
घोष ने चक्रवर्ती को पार्टी का झंडा सौंपा. इसके बाद राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता ने कहा कि वह हमेशा से वंचितों के लिए काम करना चाहते थे और भाजपा ने उन्हें अपनी आकांक्षा पूरी करने के लिए एक मंच दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बंगाली होने पर गर्व है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा जीवन में कुछ बड़ा करना चाहता था, लेकिन कभी भी इतनी बड़ी रैली का हिस्सा बनने का सपना नहीं देखा था, जिसे दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी द्वारा संबोधित किया जाना है. मैं हमारे समाज के गरीब वर्गों के लिए काम करना चाहता था और वह इच्छा अब पूरी होगी.’’
इस पर समर्थकों ने खुशी जतायी. चक्रवर्ती ने इस मौके पर अपनी एक फिल्म का एक संवाद भी बोला और कहा, ‘‘अमी जोल्धोराओ नोई, बीले बोराओ नोई ... अमि इक्ता कोबरा, ईक चोबोल-ई छोबी (मुझे एक हानिरहित सांप समझने की गलती न करें, मैं एक कोबरा हूं, लोगों को एक बार में डंसकर मार भी सकता हूं).’’
विजयवर्गीय ने शनिवार शाम चक्रवर्ती के निवास पर मुलाकात के बाद घोषणा की थी कि वह रैली में शामिल होंगे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पिछले महीने मुंबई में अभिनेता के आवास पर उनसे मुलाकात की थी. इसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें शुरू हो गयी थीं .
तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य रह चुके अभिनेता ने सारदा पोंजी घोटाले में नाम आने के बाद 2016 में उच्च सदन की सदस्यता छोड़ दी थी. उन्होंने हालांकि इसके लिए स्वास्थ्य ठीक नहीं होने का हवाला दिया था. चक्रवर्ती ने मृणाल सेन की 1976 में आयी फिल्म ‘मृगया’ में एक आदिवासी तीरंदाज की भूमिका निभायी थी, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला था.
चक्रवर्ती कोलकाता के प्रतिष्ठित स्कॉटिश चर्च कॉलेज के छात्र रहे हैं, जहां से सुभाष चंद्र बोस, नेपाल के प्रथम प्रधानमंत्री बी पी कोइराला और असम के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बार्दोलोई ने भी पढ़ायी की थी.
चक्रवर्ती को राजनीतिक रूप से जागरूक अभिनेता के रूप में देखा जाता था और अक्सर उन्हें वामपंथी फिल्म निर्देशकों द्वारा अपनी फिल्मों में लिया जाता था. चक्रवर्ती का तृणमूल कांग्रेस में शामिल होना एक हैरानी के तौर पर नहीं आया था. हालांकि, भाजपा में शामिल होने के उनके कदम को उनके पहले के राजनीतिक विचारों के बिल्कुल उलट देखा जा रहा है.
चक्रवर्ती ने हालांकि यह कहते हुए अपने निर्णय का लगातार समर्थन किया है कि वह हमेशा से गरीबों की सेवा करना चाहते थे. चक्रवर्ती 1980 के दशक में बॉलीवुड और पूर्व सोवियत संघ जैसे विदेशी फिल्म बाजारों में एक लोकप्रिय नाम बन गए थे, जब उन्होंने एक्शन फिल्मों, पारिवारिक फिल्मों और संगीत पर आधारित फिल्मों में अभिनय किया.
बॉक्स ऑफिस पर उनकी हिट फिल्मों में 'डिस्को डांसर', 'कसम पैदा करने वाले की' आदि थी. बॉलीवुड में अपने करियर के समानांतर, चक्रवर्ती बंगाली फिल्म उद्योग में भी एक स्टार बने.
महाराष्ट्र में शिवसेना को क्यों है सत्ता खोने का डर? संजय राउत ने बीजेपी पर लगाए ये आरोप