(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Paresh Rawal के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने दर्ज की FIR, बंगालियों को लेकर की थी विवादित टिप्पणी
Paresh Rawal ने दो दिसंबर को अपने विवादित बयान पर माफी मांगी थी. उन्होंने कहा था कि बयान अवैध 'बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं' के संदर्भ में था.
Paresh Rawal Controversial Statement: बंगालियों के खिलाफ कथित अभद्र भाषा को लेकर कोलकाता पुलिस ने बीजेपी नेता और अभिनेता परेश रावल के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है. सीपीआई (एम) पश्चिम बंगाल के राज्य सचिव एमडी सलीम ने परेश रावल के खिलाफ उनकी "बंगाली विरोधी" टिप्पणी के लिए पुलिस शिकायत दर्ज करवाई थी. सलीम ने आरोप लगाया था कि रावल की टिप्पणी भड़काऊ थी और यह "दंगे भड़का सकती है और बंगाली और अन्य समुदायों के बीच सद्भाव को नष्ट कर सकती है."
सलीम की शिकायत में कहा गया है, "बड़ी संख्या में बंगाली राज्य की सीमा के बाहर रहते हैं. मुझे आशंका है कि परेश रावल की भद्दी टिप्पणियों के कारण उनमें से कई को पूर्वाग्रह से निशाना बनाया जाएगा और प्रभावित किया जाएगा."
इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रावल के खिलाफ IPC की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153A (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153B (भाषाई या नस्लीय समूहों के अधिकारों से वंचित करना), 504 (भड़काने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
परेश रावल ने क्या कहा था?
परेश रावल की बंगालियों पर टिप्पणी तब आई जब वे गुजरात में बीजेपी के लिए प्रचार कर रहे थे. उन्होंने एक भाषण में कहा, "गैस सिलेंडर महंगे हैं लेकिन कीमतें कम हो जाएंगी. लोगों को रोजगार भी मिलेगा, लेकिन अगर रोहिंग्या प्रवासी और बांग्लादेशी आपके आसपास दिल्ली की तरह रहने लगे तो क्या होगा? गैस सिलेंडर का आप क्या करेंगे? बंगालियों के लिए मछली पकाएंगे?" बता दें कि 2 दिसंबर को परेश रावल ने इस विषय पर अपनी राय के लिए माफी मांगी थी. उन्होंने कहा था कि बयान अवैध 'बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं' के संदर्भ में था.
'क्या परेश रावल ये भूल गए?'
इस बीच, टीएमसी ने रावल के बयान पर उन्हें आड़े हाथों लिया. टीएमसी के आईटी प्रमुख देबांशु भट्टाचार्य ने कहा, "मोदी जी गैस और एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर सत्ता में आए थे. क्या परेश रावल ये भूल गए? जब गैस के दाम बढ़ते हैं तो इसका असर हिंदू और मुसलमान दोनों पर पड़ता है. यह शर्मनाक है कि ओ माय गॉड जैसी फिल्म बनाने वाले और धर्म के धंधे का विरोध करने की बात कहने वाले परेश चुनाव के दौरान गुजरात में सिर्फ दो वोट पाने के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं."
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