कोलकाता: रीयल स्टेट और स्टॉक ब्रोकिंग समूह पर छापेमारी, तीन करोड़ से ज्यादा की नगदी और लाखों रुपए मूल्य के जेवरात बरामद
आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस छापेमारी के दौरान अब तक 365 करोड़ रुपए के अवैध लेनदेन का पता चला है. छापेमारी के दौरान अनेक ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं जिनसे साबित होता है कि अवैध धन लेनदेन का धंधा शैल कंपनियों के सहारे चलाया जा रहा था.
कोलकाता: कोलकाता में कर चोरी के मामले में आयकर विभाग ने रीयल स्टेट और स्टॉक ब्रोकिंग समूह पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को 365 करोड़ रुपए के अवैध लेनदेन का पता चला है साथ ही जिन कंपनियों पर छापे मारे गए उनमें से एक ने 111 करोड़ रुपए अघोषित आय भी आयकर विभाग के सामने पेश कर दी है. छापे के दौरान तीन करोड़ से ज्यादा की नकदी और 72 लाख रुपए के जेवरात बरामद हुए हैं.
अवैध तरीकों से धन का लेनदेन की मिली थी खबर आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया की विभाग को सूचना मिली थी कि कोलकाता स्थित तीन रियल एस्टेट कंपनियां और स्टाक ब्रोकिंग के काम में लगे समूह शैल कंपनियों की मार्फत अवैध तरीकों से धन का लेनदेन कर रहे हैं. यह भी आरोप है कि इस प्रक्रिया के जरिए यह लोग काले धन को सफेद भी बना रहे थे. सूचना के आधार पर इन चारों कंपनियों की बाबत इनके पिछले आयकर रिटर्न आदि की जांच की गई और उनका वर्तमान सूचना से मिलान कराया गया. इस आरंभिक जांच के दौरान आयकर विभाग के अधिकारियों ने पाया कि यह कंपनियां अवैध तरीके से काले धन का लेनदेन कर रही थी.
आयकर विभाग ने चारों समूहों पर एक साथ छापा मारा सूचना के आधार पर आयकर विभाग के अधिकारियों की टीम ने इन चारों समूहों पर एक साथ छापा मारा. आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस छापेमारी के दौरान अब तक 365 करोड़ रुपए के अवैध लेनदेन का पता चला है. साथ ही जिन कंपनियों पर छापा मारा गया उनमें से एक कंपनी ने आयकर अधिकारियों के सामने यह कबूल किया कि उसकी 111 करोड़ से ज्यादा की अघोषित आय हुई थी और यह कंपनियां इस पर कर देने को भी तैयार हो गई है. आयकर विभाग के अधिकारी के मुताबिक छापेमारी के दौरान ऐसे दस्तावेज मिले थे जिनके आधार पर यह कंपनी साक्ष्यों को झुठला नहीं पाना पाई और उसे आयकर अधिकारियों के सामने अपनी गलती कबूल करनी पड़ी.
तीन करोड़ से ज्यादा की नगदी और लाखों रुपए मूल्य के जेवरात बरामद अधिकारी के मुताबिक इस छापेमारी के दौरान अब तक तीन करोड़ से ज्यादा की नगदी और लाखों रुपए मूल्य के जेवरात बरामद हुए हैं. छापेमारी के दौरान अनेक ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं जिनसे साबित होता है कि अवैध धन लेनदेन का धंधा शैल कंपनियों के सहारे चलाया जा रहा था. अब अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि इन शैल कंपनियों के जरिए इस धंधे में शामिल इन चारों कंपनियों के अलावा और किन-किन कंपनियों या व्यक्तियों को धन गया है मामले की जांच जारी है. 9 जनवरी से बदल जाएगा मुंबई राजधानी का समय, यात्रियों को होगी 35 से 55 मिनट की बचत गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली में हथियारों का जखीरा बरामद, आर्म्स सप्लायर भी गिरफ्तार