'हां, हमारे आकलन में हुई भूल', आरजी कर अस्पताल में हुई तोड़-फोड़ में पुलिस कमिश्नर ने मानी गलती!
Kolkata Rape And Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए तोड़फोड़ को लेकर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि उपलब्ध जानकारी के आधार पर आकलन किया जाता है.
Kolkata Doctor Rape Murder Case: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में की गई तोड़फोड़ मामले को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं और इसे पुलिस प्रशासन की नाकामी करार दिया जा रहा है. इस मामले पर कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल ने कहा कि आप इसे विफलता कहना चाहते हैं तो इसे कह सकते हैं और ऐसा कभी-कभी होता है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "अगर आप कहते हैं कि यह आकलन की विफलता है तो हां, आप इसे आकलन की विफलता कह सकते हैं. यह पूरा विरोध प्रदर्शन एक बहुत ही शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन होना चाहिए था. यह मेरी समझ है. ऐसी कोई खुफिया जानकारी नहीं थी. हम जो भी उपलब्ध है उसके आधार पर आकलन करते हैं. हम अपने संसाधनों को तैनात करते हैं और यह सुनिश्चित करने की कोशिश करते हैं कि कानून और व्यवस्था बनी रहे. इसलिए आकलन विफलता पहली बार नहीं हुई है, चाहे कोलकाता में हो या कहीं और. ऐसा कभी-कभी होता है. पर्याप्त सुरक्षा है और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं."
मामले में हो चुकी हैं 19 गिरफ्तारियां
वहीं, तोड़फोड़ के सिलसिले में पुलिस ने अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया है. शुक्रवार को पुलिस ने बयान जारी कर ये जानकारी दी. पुलिस ने कहा, गिरफ्तार किए गए 19 लोगों में से पांच की पहचान सोशल मीडिया फीडबैक के जरिए की गई. बयान में पुलिस ने जनता से तोड़फोड़ के पीछे अन्य संदिग्धों के बारे में भी पुलिस को अपडेट करने का अनुरोध किया है, जिनकी तस्वीरें कोलकाता पुलिस ने गुरुवार को जारी की थी. पुलिस ने एक बयान में कहा, आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ के मामले में अब तक 19 गिरफ्तारियां हुई हैं.
बयान के साथ ही पुलिस ने सोशल मीडिया से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर गिरफ्तार किए गए पांच लोगों की तस्वीरें भी जारी की. यह तोड़फोड़ और उपद्रव बुधवार देर रात आरजी कर मेडिकल अस्पताल के आपातकालीन विभाग में किया गया, जहां हाइब्रिड क्रिटिकल केयर यूनिट (एचसीसीयू), क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू), आपातकालीन विभाग का टिकट काउंटर और दवा स्टोर रूम है.
'उपद्रवी मिटाना चाहते थे सबूत'
सूत्रों ने बताया कि दवा स्टोर रूम में तोड़फोड़ में कई लाख रुपये की दवाईयां क्षतिग्रस्त हो गईं. यहां तक कि वहां लगा सीसीटीवी कैमरा भी तोड़ दिया गया. इस बीच, अस्पताल के मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों के एक वर्ग ने दावा किया है कि उपद्रवियों का इरादा सबूत नष्ट करना हो सकता है. उनके अनुसार, आपातकालीन विभाग में तोड़फोड़ इसलिए की गई क्योंकि उपद्रवियों ने सोचा कि यह सेमिनार हॉल है जो क्राइम सीन है.
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