Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी की घटना से देशभर में आक्रोश है. सीबीआई भी हर एंगल से मामले की जांच में जुटी है ताकि पूरे सच को सामने लाया जा सके. 


इसी क्रम में सीबीआई ने सोमवार (26 अगस्त) को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और पांच अन्य का दूसरे दौर का पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू किया. एक अधिकारी ने बताया कि पिछले 10 दिनों में घोष से हुई पूछताछ के दौरान उनके बयानों में तालमेल नहीं दिखा, जिसके कारण अधिकारियों को पॉलीग्राफ टेस्ट का एक और दौर आयोजित करना पड़ा. 


लाई डिटेक्टर टेस्ट भी हुआ था


सीबीआई ने शनिवार (24 अगस्त) को घोष और पांच अन्य का लाई डिटेक्टर टेस्ट किया था. सीबीआई अधिकारी ने बताया कि आरजीकेएमसीएच में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में सोमवार को संस्थान के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, पूर्व मेडिकल सुपरिटेंडेंट और वाइस प्रिंसिपल संजय वशिष्ठ से पूछताछ शुरू की गई.


एफआईआर में दर्ज किया नाम


सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का नाम भ्रष्टाचार की एफआईआर में दर्ज किया है. बताया गया कि संदीप घोष का नाम उनके कार्यकाल के दौरान संस्थान में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के संबंध में दर्ज किया गया है. इस मामले में एक लोक सेवक से रिश्वत लेने के संबंध में उनके खिलाफ कई धाराएं लगाई गई हैं. कलकत्ता हाई कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील ने कहा कि ये सभी मामले गैर-जमानती प्रकृति के हैं.


सीबीआई की टीम ने ली थी तलाशी


सीबीआई के अधिकारियों ने रविवार को घोष के बेलियाघाटा आवास पर तलाशी ली थी. घोष सोमवार को सुबह फाइल और दस्तावेजों के साथ साल्ट लेक स्थित एजेंसी के दफ्तर पहुंचे. अधिकारी के अनुसार, वशिष्ठ के घर पर भी सीबीआई अधिकारियों ने छापा मारा था. वशिष्ठ निजाम पैलेस में केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के समक्ष पेश हुए.


अधिकारी ने बताया कि फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के एक प्रोफेसर से भी उसी कार्यालय में पूछताछ की गई है. अधिकारी ने कहा, ‘‘कल के तलाशी अभियान के बाद हमारे पास उनके लिए कई सवाल हैं.’’ सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आरजीकेएमसीएच) में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में अपनी जांच के सिलसिले में रविवार को घोष, वशिष्ठ और 13 अन्य लोगों के कोलकाता में और उसके आसपास स्थित परिसरों में एक साथ तलाशी ली थी.


सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने रोगियों की देखभाल के लिए सामग्री की आपूर्ति करने वाले कुछ लोगों के दफ्तरों और आवासों पर भी छापे मारे. आरजीकेएमसीएच के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, घोष ने अस्पताल के प्राचार्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपने सहयोगियों के साथ मिलकर स्वास्थ्य विभाग और कॉलेज काउंसिल की अनुमति के बिना फूड स्टॉल, कैफे और कैंटीन आदि के निर्माण के लिए निविदाएं जारी की थीं.


अधिकारी के अनुसार, शुरुआती जांच में सामने आया कि तीन व्यापारियों को अवैध ठेके मिले थे. कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने हत्या और कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले दर्ज किए हैं.


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