RG Kar Medical College And Hospital: कोलकाता रेप मर्डर केस में सीबीआई ने आज रविवार (15 सितंबर) को अदालत में कहा कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष ने अस्पताल परिसर में जूनियर डॉक्टर की मौत के कुछ घंटों बाद ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अभिजीत मंडल से बात की थी. केंद्रीय एजेंसी ने ये भी बताया कि इसमें कोई सांठगांठ हो सकती है और इसका पता लगाने की जरूरत है.


केंद्रीय एजेंसी ने बीती रात शनिवार (14 सितंबर) को संदीप घोष और अभिजीत मंडल को बलात्कार-हत्या मामले में सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया था. वित्तीय अनियमितताओं के मामले में पहले गिरफ्तार किए गए डॉ. घोष पर अब सबूतों से छेड़छाड़ का भी आरोप है. दोनों को आज अदालत में पेश किया गया और उन्हें दो दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया. मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी.


सीबीआई ने कोर्ट में क्या कहा?


सीबीआई के वकील ने अदालत को बताया, "एफआईआर रात में दर्ज की गई थी. हमारे पास कॉल रिकॉर्ड हैं, जो ओसी और संदीप घोष के बीच बातचीत को दर्शाते हैं. इसमें कोई सांठगांठ हो सकती है और हमें मामले को उजागर करने की जरूरत है. हम उन दोनों का आमना-सामना कराना चाहते हैं."


वकील ने कहा, "सीबीआई और पुलिस के बीच कोई टकराव नहीं है. हम सच्चाई तक पहुंचना चाहते हैं. हमारे लिए वह पुलिस अधिकारी नहीं, बल्कि एक संदिग्ध है." कलकत्ता हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी पर सवाल उठाए हैं, जो डॉक्टर का शव मिलने के 14 घंटे बाद दर्ज की गई थी. अदालतों ने पूछा है कि डॉ. घोष के नेतृत्व में अस्पताल प्रशासन ने पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दर्ज की, जिससे एफआईआर दर्ज करना सुनिश्चित हो जाता.


सीबीआई ने आज अदालत को बताया, "एफआईआर दर्ज कराना उनका दायित्व था. उन्होंने इसे आत्महत्या के रूप में कमतर आंकने की कोशिश की. उनकी ओर से चूक हुई. यह यौन उत्पीड़न का मामला था और उन्हें इसे सावधानी से संभालना चाहिए था. वह अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश में शामिल थे."


अभिजीत मंडल ने भी रखा अपना पक्ष


वहीं, एसएचओ मंडल के वकील ने जवाब दिया, "उनका आरोप है कि इसमें देरी हुई. वे यह नहीं कहते कि मैं आरोपी हूं या गवाह. यहां गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं है. यह सबसे अच्छा मामला है, कथित तौर पर कर्तव्यहीनता का. इसके लिए विभागीय जांच की जा सकती थी."


सीबीआई ने अदालत को बताया कि मंडल बलात्कार और हत्या के मामले में आरोपी नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर मामले को छुपाने की बड़ी साजिश में भूमिका निभाई हो सकती है.


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