Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर से हुई दरिंदगी की घटना की जांच सीबीआई हर एंगल से कर रही है. सोमवार (27 अगस्त) को ही सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का दूसरे चरण का पॉलीग्राफ टेस्ट किया था.
इसी क्रम में सीबीआई, महिला डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या से संबंधित डीएनए और फॉरेंसिक रिपोर्ट पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की भी मदद लेगी. एम्स के विशेषज्ञों से परामर्श किया जाएगा जिसकी जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी.
अधिकारियों ने दी ये जानकारी
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई मामले को पुख्ता बनाने के लिए अपनी रिपोर्ट एम्स भेजकर उसके विशेषज्ञों की राय लेगी. अधिकारियों के अनुसार इन रिपोर्ट से एजेंसी को यह पता लगाने में भी मदद मिलेगी कि क्या संजय रॉय इकलौता आरोपी था जिसने अपराध किया या अन्य लोग भी इसमें शामिल थे.
क्यों जरूरी है एम्स की मदद?
बताया गया कि एजेंसी ने अब तक जिन सुरागों पर काम किया है उनके अनुसार अपराध में केवल रॉय शामिल था लेकिन एम्स के विशेषज्ञों की राय मिलने के बाद ही अन्य लोगों के शामिल होने या नहीं होने की बात स्पष्ट होगी. अस्पताल के सभागार में एक जूनियर चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए हैं.
नौ अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिला था जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने अगले दिन सीसीटीवी फुटेज के आधार पर रॉय को गिरफ्तार किया था. सीसीटीवी फुटेज में रॉय को नौ अगस्त को सुबह 4.30 बजे सभागार में घुसते हुए देखा जा सकता है जिस समय कथित अपराध हुआ था. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर, रॉय से गहन पूछताछ की गई और पुलिस ने उसके बाएं गाल पर ‘हाल की चोटों’, बाएं हाथ में दो उंगलियों के बीच खरोंच, बाएं जांघ के पीछे खरोंच आदि को भी देखा, जो संघर्ष का संकेत दे रहे थे.
किन नमूनों को जुटाया गया?
अधिकारियों ने कहा कि आरोपी के वीर्य, बाल, नाखून आदि के नमूने जुटाए गए. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को हस्तांतरित करने का आदेश दिया था. सीबीआई ने 14 अगस्त को जांच अपने हाथ में ले ली. सीबीआई ने कोलकाता पुलिस से सभी फॉरेंसिक साक्ष्य अपने कब्जे में ले लिए तथा अपराध के बारे में आगे की जानकारी प्राप्त करने के लिए रॉय, मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष, पीड़िता के साथ ड्यूटी पर मौजूद चार चिकित्सकों तथा एक नागरिक स्वयंसेवक का पॉलीग्राफ परीक्षण भी कराया. अधिकारियों ने कहा कि सीएफएसएल की प्रारंभिक रिपोर्ट का विश्लेषण किया जा रहा है और साक्ष्यों से उनका मिलान किया जा रहा है.
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