कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी महिला डॉक्टर के रेप और मर्डर केस पर गुरुवार (22 अगस्त, 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने फिर से सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मामले की सुनवाई की. इस दौरान पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 150 ग्राम सीमन की बात को सीजेआई चंद्रचूड़ ने खारिज कर दिया और कहा कि सोशल मीडिया में चल रही बहस का कोर्ट में जिक्र न किया जाए.
बहस के दौरान इस बात का भी जिक्र हुआ कि एक वकील ने पीड़िता के शरीर पर 150 ग्राम सीमन मिलने का दावा किया था. इस पर सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि बहस के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करें. उन्होंने कहा कि कोर्ट के पास असली ऑटोप्सी रिपोर्ट है और हमें पता है कि 150 ग्राम का मतलब उसमें क्या है.
सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल पेश हुए. वहीं, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पक्ष रख रहे थे. सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वैसे सरकार का हलफनामा भी सोशल मीडिया के आधार पर ही है. ये सुनकरकपिल सिब्बल नाराज हो गए और कहा कि आप हलफनामा ठीक से पढ़िए.
इस दौरान दोनों के बीच झड़प हो गई. एसजी मेहता ने कहा कि घटना की सूचना सुबह 10.10 बजे हो गई, फिर भी अननैचुरल डेथ केस रात को 11.30 बजे दर्ज हुआ. डायरी एंट्री में इतनी देरी गलत ही नहीं अमानवीय है. एसजी तुषार मेहता की इस दलील का कपिल सिब्बल ने विरोध किया.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने भी कपिल सिब्बल के सामने भी सवाल उठाया कि ये बात परेशान करने वाली है कि शव उठाते वक्त पुलिस को मालूम था कि यह अननैचुरल डेथ है तो रात को 11.45 बजे एफआईआर क्यों हुई. इतनी देर तक पुलिस क्या कर रही थी.