'उदासीनता, कुशासन और...', कोलकाता कांड पर पूर्व जजों-नौकरशाहों की निकली भड़ास! ममता सरकार के लिए कह दी ये बात
Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता रेप मर्डर मामले में पूर्व जजों, नौकरशाहों और सशस्त्र बल अधिकारियों ने पत्र लिखकर महिला सुरक्षा के मुद्दे को उठाया.
Kokata Rape Murder Case: हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों और पूर्व नौकरशाहों समेत प्रमुख हस्तियों के समूह ने कोलकाता रेप कांड की पीड़िता के लिए इंसाफ की मांग की है. उन्होंने बुधवार (21 अगस्त) को कहा कि कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या पश्चिम बंगाल में बिगड़ते सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य और महिलाओं के सामने आने वाले गंभीर खतरों की याद दिलाती है.
प्रमुख हस्तियों के समूह के संयुक्त बयान में आरोप लगाया गया कि यह घटना पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में व्याप्त “उदासीनता, कुशासन और जवाबदेही की कमी” को उजागर करती है. यह पीड़िता की रक्षा करने के बजाय अपराधियों को बचाने की राज्य सरकार की “स्पष्ट प्रवृत्ति न्याय उपलब्ध कराने में गंभीर नाकामी” को दर्शाती है.
'अकेली घटना नहीं', बोली प्रमुख हस्तियां
नामी हस्तियों की ओर से कहा गया, “पश्चिम बंगाल में यह कोई अकेली घटना नहीं है. एक आम तस्वीर उभर कर सामने आती है कि पिछले कई सालों से राज्य में कई वर्गों में हिंसा देखी गयी है.” प्रमुख हस्तियों ने कहा कि चुनाव के दौरान हुई हिंसा से लेकर हाल में हुए बलात्कारों तक, राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर आत्मनिरीक्षण की जरूरत है और तत्काल सुधारात्मक उपाय किए जाने की जरूरत है.
कोलकाता रेप कांड के लिए मांगा न्याय!
हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों और पूर्व नौकरशाहों के बयान में बताया गया, “यह कार्रवाई का समय है. हम सभी महिलाओं के लिए एक सुरक्षित, अधिक न्यायपूर्ण समाज की मांग करते हैं. हम पश्चिम बंगाल के अधिकारियों से हमारी बहन को न्याय दिलाने की मांग करते हैं. यह जघन्य अपराध न केवल न्याय की मांग करता है, बल्कि तत्काल बदलाव की अपील भी करता है. यह अधिकारियों के लिए एक चेतावनी है कि वे सभी जातियों और धर्मों की महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दें.”
संयुक्त बयान पर कुल 295 प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने साइन किए, जिनमें पूर्व पुलिस प्रमुख, पूर्व राजदूत और पूर्व सैनिक भी हैं. बयान पर साइन करने वालों में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, पूर्व रक्षा सचिव धनेन्द्र कुमार, पूर्व रॉ प्रमुख संजीव त्रिपाठी, पूर्व राजदूत भास्वती मुखर्जी और बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय के पूर्व सचिव गोपाल कृष्ण हैं.