कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर केस को लेकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष का नाम काफी चर्चा में है. उन्होंने मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया. मंगलवार (13 अगस्त, 2024) को कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान संदीप घोष को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से पूछा था कि जिस शख्स ने खुद इस मामले में इस्तीफा दे दिया है, उसको सरकार ने कहीं और कैसे प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया. अब संदीप घोष को लेकर आरजी कॉलेज में उनके साथ काम कर चुके और पूर्व डिप्टी सुपरीटेंडेंट ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि डॉक्टर घोष बहुत भ्रष्टाचारी व्यक्ति हैं, जो हॉस्टल अलॉटमेंट, टेंडर और आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े हर काम के लिए घूस लेते थे.


पूर्व डिप्टी सुपरीटेंडेंट अख्तर अली ने कहा कि डॉक्टर संदीप घोष जानबूझकर छात्रों को फेल कर देते थे और वह कॉलेज के काम करने के लिए लोगों से पैसे खाते थे. टेंडर के लिए भी 20 पर्सेंट का कमीशन लेते थे. इतना ही नहीं उनका यह भी कहना है कि डॉक्टर घोष छात्रों को अपने गेस्ट हाउस पर बुलाकर शराब भी पिलाते थे. अख्तर अली ने कहा कि डॉ. घोष माफिया जैसे हैं. 


अख्तर अली ने पिछले साल डॉक्टर घोष के खिलाफ एक शिकायत भी दर्ज कराई थी. उन्होंने कहा कि डॉ. घोष बहुत पावरफुल शख्स हैं और उनके साथ काफी सिक्योरिटी रहती है. संदीप घोष के इस्तीफे को भी उन्होंने धोखा बताया है. उन्होंने कहा कि इस्तीफे के जरिए सिर्फ आंखों में धूल झोंकी जा रही है. इस्तीफा देने के 8 घंटे के अंदर ही उन्हें नेशनल मेडकल कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया.


कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी कल सुनवाई के दौरान संदीप घोष की नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े किए थे कि क्यों उन्हें प्रिंसिपल बनाया गया, जबकि उन्होंने खुद घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया. कोर्ट ने संदीप घोष को छुट्टी पर जाने को कहा है.


9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर की लाश मिली थी. आठ अगस्त को उनका रेप कर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. डॉक्टर ने अपने चार कुलिग के साथ यहीं पर डिनर किया था. डिनर के बाद उनके कुलिग वहां से चले गए और महिला डॉक्टर वहीं रुक गईं. तभी आरोपी संजय रॉय ने उनके साथ यह हरकत की. संजय रॉय को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. संजय अस्पताल स्टाफ में से नहीं है और न ही किसी मरीज का रिश्तेदार है. वह कोलकाता पुलिस के लिए सिविक वॉलंटियर का काम करता था.