Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता रेप केस: SC ने किया अरुणा शानबाग केस का जिक्र, 42 साल जिंदा लाश बनकर रही नर्स
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता रेप मर्डर मामले पर बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए मुंबई के अरुणा शानबाग दरिंदगी मामले का उदाहरण दिया. सुप्रीम कोर्ट ने महिला सुरक्षा पर चिंता जताई.
Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. जहां सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य पुलिस को कड़ी फटकार लगाई तो वहीं अरुणा शानबाग केस (Aruna Shanbaug Case) का जिक्र भी किया.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार (20 अगस्त) को अस्पतालों में महिला डॉक्टर्स की सुरक्षा पर चिंता जताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई हैवानियत ने 27 नवंबर 1973 में मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल की घटना को याद दिला दिया. दोनों घटनाओं में सिर्फ इतना फर्क है कि कोलकाता में पीड़िता की मौत हो गई और मुंबई में दरिंदगी का शिकार बनीं अरुणा शानबाग 42 साल तक जिंदा लाश बनकर रहने को मजबूर हुईं.
क्या है अरुणा शानबाग केस?
अरुणा शानबाग एक नर्स थीं जिनके साथ अस्पताल में सोहनलाल बाल्मीकि नाम के एक वॉर्डबॉय ने बलात्कार किया. अरुणा शानबाग के साथ हैवानित की सारी हदों को पार किया गया जिसकी वजह से वो लाश की तरह जिंदा रहने पर मजबूर हो गईं. बताया गया कि बलात्कार करने वाले सोहन ने कुत्ते की चेन से नर्स का गला घोंटकर उसे मारने की कोशिश की थी. अरुणा शानबाग इस जुल्म के बात कोमा में चली गईं और करीब 42 साल तक वो जिंदा लाश बनकर रहीं.
कोर्ट ने किया इच्छामृतयु देने से इनकार
अरुणा शानबाग की हालत देखकर कई लोगों ने अदालत में इच्छामृत्यु की गुहार लगाई लेकिन कोर्ट ने एक न मानी और इच्छामृत्यु देने से इनकार किया. सुप्रीम कोर्ट ने भी साल 2011 में इच्छामृत्यु देने से इनकार कर दिया. साल 2015 में शारीरिक और मानसिक पीड़ा झेलने के बाद अरुणा की मौत हो गई.
अरुणा की शादी होने वाली थी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल की नर्स अरुणा शानबाग इसी अस्पताल के एक डॉक्टर के साथ शादी के बंधन में बंधने वाली थीं लेकिन अफसोस कि ये हो न सका. शादी से महज एक महीने पहले ही अरुणा के साथ दरिंदगी की गई.