Kolkata Rape Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (17 सितंबर) को बंगाल सरकार को फटकार लगाई है. अस्पतालों में महिला डॉक्टरों की नाइट ड्यूटी खत्म करने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई. CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस संबंध में बंगाल सरकार से पूछा कि ये कैसे कहा जा सकता है कि महिलाएं रात में काम नहीं कर सकतीं? महिला डॉक्टरों पर सीमाएं क्यों लगाई जा रही हैं?


सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'पायलट, सेना समेत सभी प्रोफेशन में महिलाएं रात में शिफ्ट करती हैं. सरकारों का काम महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना है, ये कहना नहीं कि महिला डॉक्टर रात में काम नहीं कर सकतीं. महिलाओं को कोई रियायत नहीं चाहिए बल्कि आपकी ओर से सुरक्षा चाहिए.' इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने विकीपीडिया से पीड़िता का नाम और फोटो हटाने का आदेश देते हुए कहा कि किसी भी रूप में दुष्कर्म की पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की जानी चाहिए. इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते सुनवाई होगी. 


कपिल सिब्बल से क्या कहा?


मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने ममता सरकार के वकील कपिल सिब्बल से कहा, 'आपको भी महिलाओं की नाइट शिफ्ट वाले मुद्दे पर गौर करना होगा. हर हाल में सुरक्षा दी जानी चाहिए और बंगाल सरकार को अपने नोटिफिकेशन को सही करने की जरुरत है. आपका कर्तव्य महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना है.'


करियर पर पड़ेगा असर- SC


सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'महिला डॉक्टरों के नाइट शिफ्ट न करने की स्थिति में उनके करियर पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.' हालांकि, बाद में कपिल सिब्बल ने कहा कि नाइट ड्यूटी से संबंधित हिस्से को हटा दिया जाएगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय ने महिला डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक नई पहल की घोषणा की है. इस पहल के तहत सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में सुरक्षाकर्मियों की तैनानी और स्थानीय पुलिस की नाइट पेट्रोलिंग की व्यवस्था की बात कही गई. अलपन बंदोपाध्याय ने कहा कि शिफ्ट की व्यवस्था इस तरीके से होगी कि नाइट ड्यूटी के समय महिला डॉक्टर जोड़े में काम कर सकें. प्राइवेट हेल्थ केयर सेंटर्स को भी इन दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है. 


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