कोलकाता रेप-मर्डर केस ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद देशभर में लोगों के अंदर आक्रोश है और महिला डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. जब देश में ऐसा माहौल है, उस बीच 13 लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का एक और मामला सामने आया है. इन हालातों को लेकर पूरे देश में लोगों के अंदर बहुत गुस्सा है. 


मद्रास हाईकोर्ट ने 11 महीने पहले 32 साल पुराने रेप केस में 215 लोगों को दोषी ठहराया था. इनमें पुलिसवाले, फॉरेस्ट और रेवेन्यू ऑफिसर शामिल थे. इन्होंने साल 1992 में आदिवासी गांव वचथी में 18 महिलाओं का रेप किया था और पुरुषों को टॉर्चर किया था.


तीन दिन तक गांव वालों के साथ हुई थी बर्बरता
ये अधिकारी 20 जून, 1992 को वाचथी गांव में तस्कर की गई चंदन की लकड़ी ढूंढने के लिए रेड डालने के लिए गए थे. यहां पहुंचकर फॉरेस्ट और पुलिस अधिकारियों ने गांव के लोगों को चंदन तस्कर वीरप्पन का समर्थक बताकर तीन दिन तक इन लोगों के साथ बर्बरता की. इसमें महिलाओं का रेप और पुरुषों को टॉर्चर करना शामिल था. 


दोषियों को 10 साल तक की सजा के साथ 10 लाख रुपये का जुर्माना
साल 2011 में लोअर कोर्ट ने 269 अधिकारियों को इस मामले में दोषी करार दिया था, लेकिन उस वक्त तक इनमें से 54 की मौत हो चुकी थी. लोअर कोर्ट के फैसले में दोषियों को एक से 10 साल तक की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. इसके खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई, लेकिन कोर्ट ने सितंबर, 2023 को निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा और सभी अधिकारियों को दोषी करार दिया. 


फर्जी एनसीसी कैंप में लड़कियों के साथ शर्मनाक हरकत
ताजा मामला तमिलनाडु के कृष्णागिरी का है, जहां नेशनल कैडेट कोर्प्स (NCC) का कैंप लगा था. बताया जा रहा है कि यह एनसीसी कैंप नहीं था, लड़कियों को झूठ बोला गया था. राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस पर स्वत: संज्ञान लिया है.  महिला आोयग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'हमने फेक एनसीसी कैंप में 13 लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न को लेकर सामने आई मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है और चेन्नई की डीजीपी को समयबद्ध जांच सुनिश्चित करने और संबंधित कानून के तहत आरोपियों को हिरासत में लेने का निर्देश दिया है. पुलिस और राज्य सरकार से तीन दिन के अंदर विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी गई है.'


11 लोग गिरफ्तार
कृष्णागिरी के जिला कलेक्टर केएम सरयू ने सोमवार को कहा कि 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें वो शख्स भी शामिल है, जिसने ये कैंप लगाया था. वहीं, एनसीसी ने भी साफ किया है कि उसने इस इलाके में कोई कैंप नहीं लगाया और न ही इसमें शामिल व्यक्ति से उसका कोई कनेक्शन है. जिला प्रशासन ने भी कहा है कि एनसीसी का कोई कैंप यहां नहीं लगाया गया.


कैसे सामने आया मामला?
जिला कलेक्टर सरयू ने बताया कि सभी पीड़ित लड़कियों को डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्ट यूनिट काउंसलिंग और साइक्लॉजिकल सपोर्ट दे रहा है. एक हफ्ते पहले इस फेक एनसीसी कैंप में 41 छात्र आए थे, जिनमें से 17 लड़कियां थीं. इस मामले की जानकारी तब मिली जब एक लड़की के माता-पिता ने शिकायत दर्ज करवाई. लड़की ने एनसीसी में उसके साथ हुए यौन उत्पीड़न और ट्रोमा के बारे में अपने परिवार वालों से बात की थी. तब उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. 


यह भी पढ़ें:-
'दूसरे तरीकों से PM मोदी को खोनी पड़ेगी अपनी कुर्सी...', सोशल मीडिया पर ये क्या बोल गए सुब्रमण्यम स्वामी