सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप, सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन जारी, CBI ने शुरू की जांच... कोलकाता रेप-मर्डर केस से जुड़ी 10 बड़ी बातें
Kolkata Rape Murder Case Update: कोलकाता की सरकारी डॉक्टर से रेप-बलात्कार के मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं तो छात्रों ने सीबीआई को चिट्ठी लिखकर कई आरोप लगाए हैं.
Kolkata Rape Murder Case: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर के रेप और मर्डर केस को सीबीआई ने अपने हाथ में ले लिया है. इस मामले में एजेंसी ने नया केस दर्ज किया है. इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार (13 अगस्त) को मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम ने पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा कि शुरू में हत्या का मामला दर्ज न करके अप्राकृतिक मौत का मामला क्यों दर्ज किया गया. जवाब में सरकारी वकील ने कहा कि हत्या की कोई तत्काल शिकायत नहीं थी. जानते हैं मामले से जुड़े बड़े अपडेट्स.
1. इस मामले में केंद्र सरकार ने भी बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने मेडिकल संस्थानों को सुरक्षित बनाए जाने के लिए गाइडलाइन्स जारी की हैं. आईएमए प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की थी और अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने की मांग की.
2. वहीं, रेजिडेंट्स डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अविरल माथुर ने कहा कि हमने स्वास्थ्य मंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की और अपनी मांगे उनके सामने रखीं. उन्होंने वादा किया कि डॉक्टरों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराएंगे. जब हमारी मांगे मान ली गई हैं तब फोर्डा हड़ताल वापसी का ऐलान करता है.
3. सीबीआई के पास मामला पहुंचने के बाद एजेंसी ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. सबसे पहले दिल्ली से फॉरेंसिक टीम कोलकाता पहुंचने वाली है. ये टीम बुधवार (14 अगस्त) को तड़के सुबह दिल्ली से रवाना होगी.
4. कोलकाता के एडिशन सीपी मुरलीधर शर्मा ने कहा कि मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है और आरोपी को भी सौंपने के लिए तैयारी की जा रही है. हालांकि सीबीआई की ओर से इसको लेकर संपर्क नहीं किया गया है, लेकिन सुबह 10 बजे तक सौंपने की तैयारी कर ली गई है.
5. आरकेजीएमसीएच के छात्रों ने सीबीआई को लिखी चिट्ठी लिखी, जिसमें छात्रों ने कहा कि आरजीकेएमसीएच में भौतिक साक्ष्यों से छेड़छाड़ के प्रयासों से संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली है, जहां 9/8/24 को एक महिला डॉक्टर की बेरहमी से हत्या कर दी गई है. यह आपके ध्यान में उपर्युक्त बात लाना है, जबकि हाई कोर्ट ने आज 13/8/24 को एक महिला डॉक्टर की हत्या (स्नातकोत्तर ई कर मेडिकल कॉलेज में सिलसिलेवार हमला और हिंसा) की भीषण घटना की जांच के आदेश दिए हैं और कोकाता हमारे पास अचानक नागरिक पुनर्निर्माण कार्यों की सूचना मिल रही है. यह वह जगह है जहां पर हत्या हुई है.
6. छात्रों ने आगे कहा कि हम उस प्रयास के पीछे बेहद आशंकित हैं और हमें लगता है कि इस तरह के कार्य से साक्ष्यों को तोड़-मरोड़ कर जांच में बाधा डालता है. आपसे अनुरोध है कि आप इस मामले को अत्यंत सावधानी और उचित सम्मान के साथ देखें और मृत महिला डॉक्टर को न्याय सुनिश्चित करने के लिए भी यही कदम उठाए जाने चाहिए.
7. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल के एक सूत्र ने बताया कि घटना के दिन जूनियर डॉक्टर अपने विभाग में ऑन-कॉल डॉक्टर थी. परिवार ने बताया कि शुक्रवार सुबह उन्हें फोन आया कि उसकी तबीयत खराब है और उन्हें अस्पताल जाना चाहिए. रास्ते में मैंने उसकी हालत के बारे में पूछने के लिए उसी नंबर पर फोन किया. जिसने भी फोन उठाया, वह बहुत ही असभ्य था और कह रहा था, 'क्या हम डॉक्टर हैं जो आपको बताएं कि उसके साथ क्या हुआ?' इससे हमें बहुत संदेह हुआ."
8. महिला के पिता ने मीडिया को बताया, "चेस्ट मेडिसिन विभाग के सहायक अधीक्षक ने फोन करके कहा, 'आपकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है और जब हम अस्पताल पहुंचे तो हमें वास्तविकता का पता चला." उन्होंने बताया कि अधिकारी ने फोन पर अपना नाम नहीं बताया.
9. मामले पर राजनीति भी हो रही है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि जब पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी की उदासीनता और कोलकाता पुलिस के मामले को दबाने के असफल प्रयास के कारण गुस्से से उबल रहा है, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने चेस्ट मेडिसिन डिपार्टमेंट के अंदर कमरे की दीवारें तोड़ दीं, जहां ड्यूटी पर मौजूद जूनियर डॉक्टर के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या की गई थी, जिससे महत्वपूर्ण परिस्थितिजन्य सबूत नष्ट हो गए, जो सीबीआई जांच दल को हत्यारों तक पहुंचा सकते थे.
10. उन्होंने आगे कहा कि रेजीडेंट डॉक्टर के क्षेत्र के रूप में चिह्नित क्षेत्र और चेस्ट मेडिसिन डिपार्टमेंट के अंदर शौचालय (महिला) को भी जीर्णोद्धार के नाम पर तोड़ दिया गया. इससे किसी को भी संदेह नहीं है कि ममता बनर्जी इस जघन्य अपराध में शामिल लोगों को बचाने के लिए सबूतों को मिटा रही थीं और अपराध के निशान को छुपा रही थीं, जिनके बारे में अनुमान लगाया जा रहा है कि वे प्रभावशाली टीएमसी नेताओं के परिवार के सदस्य हैं. बंगाल में कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है.
(सुब्रत मुखर्जी के इनपुट से भी)
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