Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता में आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में पीड़िता के मां और पिता ने एबीपी न्यूज़ के साथ अपना दर्द साझा किया है. बेटी की मौत के बाद उसकी अंतहीन राह देखते हुए माता-पिता कैमरे पर ही फफक कर रोने लगे. 


उन्होंने कहा, "हमारे साथ करोड़ो लोग हैं. आखिरी बार जब अपनी बेटी को देखा तो हमने भी अपना जीवन स्वाहा कर दिया था. हमारे लिए सब कुछ खत्म है और अब हमें इंसाफ का इंतजार है."


'अस्पताल में परेशानियों के बारे में बताया था बेटी ने...'


आरजी कर अस्पताल की पीड़िता के माता-पिता ने बताया कि उसने अपनी परेशानियों के बारे में अस्पताल और अपने दफ्तर में सूचित किया था. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (15 अगस्त) लाल किले से मेरा बेटी के लिए बोला है. सरकार पर तो भरोसा है पर सीबीआई ने कहा है कि जल्द जांच से जवाब मिलेंगे."


अब तक 12 लोग गिरफ्तार


आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त को एक महिला ट्रेनी डॉक्टर की लाश मिली. महिला के साथ रेप किया गया था और फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस पूरे मामले में अगले ही दिन एक सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया गया. मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया है, जिसने गुरुवार को पांच डॉक्टर्स को पूछताछ के लिए बुलाया. रेप-मर्डर के मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 


दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने रखी तीन मांगें


दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के राज्य सचिव डॉ. प्रकाश लालचदानी ने कहा, "पूरे देश में मेडिकल एसोसिएशन और डॉक्टर बिरादरी इस घटना को लेकर गुस्से में हैं.  रेजिडेंट डॉक्टर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अब समय आ गया है कि सरकार को ऐसा करना चाहिए. इस विरोध को गंभीरता से लें क्योंकि भारतीय चिकित्सा संघ और राज्य संघ इसमें भाग लेने जा रहे हैं. यदि पर्याप्त कार्रवाई नहीं की गई और हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो यह विरोध लंबा चलेगा. हमारी मुख्य मांगें हैं - एक केंद्रीय अधिनियम चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ हिंसा, अनावश्यक लोगों से बचने के लिए अस्पतालों और चिकित्सा प्रतिष्ठानों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करना, चिकित्सा पेशेवरों की कामकाजी स्थितियों को बेहतर बनाना और पीड़ित के लिए न्याय - उन दोषियों को सजा देना और पीड़ित के परिवार को उचित मुआवजा देना.''


ये भी पढ़ें:


क्या राज्यसभा के सभापति को पद से हटाया जा सकता है? जानिये संवैधानिक नियम