RG Kar Medical College And Hospital Case: केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने बुधवार (04 सितंबर) को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को निर्देश जारी कर डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन पर 10 सितंबर तक कार्रवाई रिपोर्ट देने का आग्रह किया.
यह निर्देश हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आया है, जिसमें देश भर में चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया गया था.
डॉक्टरों ने की सुरक्षा की मांग
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को संबोधित एक चिट्ठी में, चंद्रा ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर हाल ही में आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में उनकी भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया. 28 अगस्त को आयोजित इस सम्मेलन में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ हुए भयानक बलात्कार और हत्या सहित हाल की हिंसक घटनाओं के मद्देनजर सभी चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षित कार्य वातावरण के प्रावधान पर चर्चा की गई.
चिट्ठी लिखकर की ये मांग
स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से प्राथमिकता दिए जाने वाले कई प्रमुख उपायों को रेखांकित किया, जिनमें हाई रिस्क वाले प्रतिष्ठानों की पहचान, सिक्योरिटी ऑडिट, सीसीटीवी निगरानी, बैकग्राउंड जांच और शोक प्रोटोकॉल शामिल हैं.
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया गया है कि वे मरीजों की अधिक आवाजाही वाले अस्पतालों की पहचान करें और उन्हें सुरक्षा बढ़ाने के लिए उच्च प्राथमिकता वाले प्रतिष्ठानों के रूप में वर्गीकृत करें. स्वास्थ्य सचिव ने अस्पतालों में मौजूदा सुरक्षा उपायों का आकलन करने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य और पुलिस अधिकारियों के परामर्श से नियमित सुरक्षा ऑडिट आयोजित करने की सिफारिश की.
चंद्रा के अनुसार, अस्पतालों के उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, जहां सुरक्षा भंग होने की संभावना रहती है. जैसे आपातकालीन कक्ष, ट्राइएज क्षेत्र, गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) और प्रसव कक्ष.
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