Kolkata Rape-Murder Protests: पश्चिम बंगाल के छात्र नेता सायन लाहिड़ी की जमानत के खिलाफ ममता सरकार की ओर दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (2 सितंबर) को खारिज कर दी है. सायन कोलकाता रेप-हत्याकांड केस में न्याय की मांग करने वाले नबन्ना मार्च के आयोजकों में से एक थे. शुक्रवार (30 अगस्त) को कलकत्ता हाई कोर्ट ने सायन लाहिड़ी को जमानत दे दी थी. इस जमानत के खिलाफ ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी.

  


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कलकत्ता हाई कोर्ट के इस आदेश को पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इस याचिका में बंगाल सरकार ने दावा किया कि शांतिपूर्ण विरोध -प्रदर्शन की आड़ में लहिरी ने हिंसक आंदोलन को बढ़ावा दिया है. इसके साथ ही छात्र नेता ने अवैध तौर पर प्रदर्शन किया है.


जानिए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने क्या कहा?


इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (2 सितंबार) को पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एक महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के विरोध में 27 अगस्त को राज्य सचिवालय तक निकाले गए मार्च के आयोजकों में से एक सायन लाहिड़ी को जमानत देने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि  यह 'प्रथम दृष्टया' जमानत का मामला बनता है.


 






जानें क्या है पूरा मामला?


पश्चिम बंग छात्र समाज एक अपंजीकृत स्टूडेंट ग्रुप है. पश्चिम बंग छात्र समाज सहित दो संगठनों ने 27 अगस्त को राज्य सचिवालय तक मार्च का आह्वान किया था. इस रैली का नेतृत्व करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए लाहिड़ी को 27 अगस्त की शाम गिरफ्तार किया गया था. इस दौरान पुलिस का कहना था कि रैली हिंसक हो गई, जिससे सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा और पुलिस अधिकारियों पर हमले किए गए.


जिसको लेकर छात्र नेता सायन लाहिड़ी की मां अंजलि की याचिका पर कार्रवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया था कि उन्हें शनिवार दोपहर 2 बजे तक पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया जाए. कोलकाता पुलिस ने शनिवार को लाहिड़ी को अपनी हिरासत से रिहा कर दिया.


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