(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कोलकाता रेप-मर्डर केस: 'बंगाल में भड़क सकती है हिंसा', केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने क्यों दी चेतावनी?
Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस पर CBI जांच जारी है. केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की.
Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर कॉलेज और अस्पताल में पिछले महीने ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर मामले पर केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी भेजा है. केंद्रीय मंत्री बोले, "कोलकाता में जो हुआ वह नियंत्रण से बाहर है.अ गर राष्ट्रपति और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने हस्तक्षेप नहीं किया तो नागरिकों की ओर से हिंसा हो सकती है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि 60 दिन से ज्यादा हो चुके हैं और वह इस घटना के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही हैं."
#WATCH | Benaulim, Goa: | RG Kar Medical College and Hospital rape-murder case | On writing a letter to the President of India, Union Minister Shantanu Thakur says, "What happened in Kolkata is out of control. If the President and West Bengal Governor don't take over then… pic.twitter.com/LxUoUJHRi9
— ANI (@ANI) September 13, 2024
कोलकाता मामले में अब तक क्या है मालूम?
आरजी कर अस्पताल और कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या और रेप की घटना के बाद मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया था. अदालत में सीबीआई ने आरोपी संजय रॉय को इस मामले का इकलौता आरोपी बताया है. वहीं इस मामले के बाद तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष को वित्तीय अनियमिताओं के मामले में गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा प्रिंसिपल पर क्राइम सीन को आनन फानन में मरम्मत कराने को लेकर भी पूछताछ किया गया.
इस मामले के एक महीने बीत जाने के बाद भी जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर है. इस वजह से अस्पताल की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है. राज्य सरकार की ओर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे के मुताबिक, रेफर किए गए कई मरीजों को अटेंड नहीं किया जा रहा है. हड़ताल की वजह स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने की वजह से करीब 23 लोगों की मौत हो चुकी है.
सरकार से इन चार शर्तों पर होगी बात
वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने सरकार से बातचीत को लेकर चार शर्ते रखी हैं. अव्वल तो उनकी मांग है कि आंदोलन में 26 प्रतिनिधियों की जगह उनकी संख्या बढ़ाकर 30 कर दी जाए. इसके अलावा बैठक में शामिल होने के बाद डॉक्टरों पर काम पर लौटने का दबाव नहीं बनाया जाएगा. वहीं तीसरी मांग है कि बैठक का लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा और आखिरी मांग है कि सरकार के साथ बातचीत सिर्फ उन पांच मांगों पर केंद्रित रहेगी जो पहले बताई जा चुकी है.
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