Doctor's Protest: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मौजूद आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल इस वक्त डॉक्टरों के प्रदर्शन का केंद्र बना हुआ है. हालांकि, अब यहां पर अगले सात दिनों तक किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन, रैली, जुलूस या धरना की इजाजत नहीं दी जाएगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार के तहत कोलकाता प्रशासन ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें कानून-व्यवस्था को लेकर इनपुट्स मिले, जिसके बाद ये फैसला लिया गया. 


कोलकाता के कार्यकारी मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के जरिए एक आदेश जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि अस्पताल के आस-पास भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 (सीआरपीसी की पहले की धारा 144) लागू की गई है, जो यहां पर किसी भी विरोध प्रदर्शन और बड़ी सभा के आयोजन पर रोक लगाती है. रविवार (18 अगस्त) तड़के से ये बैन लागू हो गया है, जो अगले सात दिनों तक जारी रहने वाला है.


आदेश में क्या कहा गया?


कोलकाता प्रशासन की तरफ से जारी आदेश में कहा गया, "विश्वसनीय सोर्स से मिले इनपुट के आधार पर क्षेत्र (आरजी कर मेडिकल कॉलेज) की कानून-व्यवस्था की स्थिति का आकलन किया गया है. जनता का एक वर्ग या एक संगठन हिंसक प्रदर्शन, रैलियां, बैठक कर सकता है, जिसकी वजह से शांति भंग हो सकती है. इससे लोगों की जान को भी खतरा है, इसलिए यहां बीएनएसएस की धारा 163 लागू की जा रही है."


IMA ने की सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लाने की मांग


दरअसल, कोलकाता का आरजी कर मेडिकल कॉलेज इस वक्त डॉक्टर्स के प्रदर्शन का केंद्र बना हुआ है, जो महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी को लेकर न्याय की मांग कर रहे हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने शनिवार को 24 घंटे के प्रदर्शन का ऐलान किया था. आईएमए ने सरकार से मांग की है कि डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लाया जाए. 


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