सुप्रीम कोर्ट ने विकीपीडिया को कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप और मर्डर केस की पीड़िता की तस्वीरें और नाम हटाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई है कि विकीपीडिया ने पिछले आदेश का पालन नहीं किया और पीड़िता की पहचान उजागर करने वाली तस्वीरें अभी भी वहां मौजूद हैं. सुप्रीम कोर्ट मंगलवार (17 सितंबर, 2024) को कोलकाता रेप-मर्डर केस की सुनवाई कर रहा है. 


मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने विकीपीडिया को फटकार लगाई और कहा कि यह सिद्धांत है कि रेप और मर्डर की पीड़िता की तस्वीर या पहचान को उजागर नहीं किया जाना चाहिए इसलिए विकीपीडिया पिछले पारित आदेश का पालन करे. 


जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोर्ट को बताया गया है कि विकीपीडिया ने अभी भी पीड़िता का नाम और तस्वीरें नहीं हटाई हैं. हालांकि, ये तस्वीरें आर्टिस्टिक ग्राफिक्स हैं, लेकिन यह नियम है कि कभी भी पीड़िता की पहचान को उजागर नहीं किया जाएगा. इस दौरान सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) की ओर से कोर्ट में पेश सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को यह भी बताया कि पीड़िता एक स्पेसिफिक हेरस्टाइल रखती थी, जिसे हर जगह चित्रित किया जा रहा है.


सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर को पिछली सुनवाई में हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों को काम पर वापस लौटने का आदेश दिया था और बंगाल सरकार को निर्देश दिया था कि अगर डॉक्टर 10 सितंबर को शाम 5 बजे तक काम पर नहीं लौटते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करे. कोर्ट ने कहा था कि डॉक्टरों का समाज के प्रति कर्तव्य बनता है.


सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा था कि जूनियर डॉक्टर यह नहीं कह सकते कि सीनियर डॉक्टर ड्यूटी पर हैं इसलिए वह काम नहीं करेंगे. सुप्रीम कोर्ट को पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने बताया था कि 31 दिनों में हड़ताल के दौरान मरीज ट्रीटमेंट के लिए परेशान हो रहे हैं.


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