यूजर्स को ऑनलाइन सुरक्षित रहने के लिए शिक्षित करता है Koo App
Koo: मेड-इन-इंडिया माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo सक्रिय रूप से यूजर्स को सोशल मीडिया को जिम्मेदारी से इस्तेमाल करने के लिए शिक्षित कर रहा है.
Koo App: मेड-इन-इंडिया माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo सक्रिय रूप से यूजर्स को सोशल मीडिया को जिम्मेदारी से इस्तेमाल करने के लिए शिक्षित कर रहा है. देसी भाषाओं में अभिव्यक्ति को सक्षम बनाने वाले Koo App पर अधिकांश यूजर्स ऐसे हैं, जो सोशल मीडिया पर पहली बार आए हैं. ऐसे में ऑनलाइन सुरक्षित और सकारात्मक रहने की जरूरत अत्यधिक महत्व रखती है. भले ही सोशल मीडिया लोगों को जोड़ने और व्यस्त रखने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है, लेकिन असामाजिक तत्वों द्वारा पैसों की धोखाधड़ी, गोपनीयता भंग करने, डेटा चोरी और अन्य अपराधों के लिए इसका दुरुपयोग किया जा सकता है.
दुनिया के लिए भारत से बनाए गए एक सोशल मीडिया ब्रांड के रूप में Koo App यूजर्स को जागरूक रखने के लिए कई कदम उठा रहा है, ताकि वे किसी भी कंटेंट को पोस्ट करने से पहले सतर्क रह सकें और कम्युनिटीज से जुड़ने और अच्छे ढंग से अपनी फ़ीड का प्रबंधन करने के लिए इसका का लाभ उठा सकें. हाल ही में, Koo App ने अक्टूबर में नागरिकों की साइबर सुरक्षा पर जागरूकता पैदा करने के लिए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) के साथ संयुक्त रूप से कई गतिविधियाँ संचालित करने के लिए सहयोग किया था.
अक्टूबर को राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के रूप में देखा जाता है. CERT-In और Koo App ने सार्वजनिक वाई-फाई का इस्तेमाल करते हुए फ़िशिंग, हैकिंग, व्यक्तिगत सूचना सुरक्षा, पासवर्ड और पिन मैनेजमेंट, क्लिकबैट से बचने और किसी की गोपनीयता की रक्षा करने जैसे प्रमुख मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने की दिशा में काम किया.
Koo App ने देश भर के इंटरनेट /यूजर्स के बीच पहुंच को मजबूत करने के लिए कई भारतीय भाषाओं में अभियान भी चलाया. इसके अलावा यूजर्स को शिक्षित करने के लिए चल रही एक पहल के रूप में Koo App क्राउड-सोर्सिंग कंटेंट मॉडरेशन की दिशा में काम कर रहा है, जहां यूजर्स को नकली कंटेंट को फ़्लैग करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा. इसी तरह, कंटेंट को सत्यापित किए बिना 'नकली' के रूप में लेबल करने के लिए उन्हें दंडित भी किया जा सकता है.
भारत का पहला प्लेटफॉर्म यूजर्स को उन फ्री रिसोर्सेज के बारे में भी जागरूक कर रहा है, जिनका इस्तेमाल वे प्लेटफॉर्म पर किसी भी तरह की जानकारी शेयर करने से पहले कर सकते हैं. Koo App अपनी कंटेंट मॉडरेशन नीतियों की तुलना में सही निर्णय लेने में मार्गदर्शन करने के लिए एक सलाहकार बोर्ड स्थापित करने की प्रक्रिया में भी है. एक जिम्मेदार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के रूप में Koo App सबसे अच्छे तरीकों की पहचान करने और स्थानीय रूप से व्यावहारिक समाधान लाने के लिए लगातार कोशिश करता है, जो यूज़र्स को सभी भाषाओं में एक सुरक्षित और व्यापक नेटवर्किंग अनुभव प्रदान करता है.