Koo App Hindi Users: माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo ने दुनियाभर के हिंदी बोलने वालों को अभिव्यक्ति का ज़बरदस्त मंच दिया है. आलम यह है कि कुल दो करोड़ डाउनलोड का माइलस्टोन हासिल कर चुके इस मंच पर दुनिया के 75 देशों के यूजर्स हिंदी में Koo करते हैं. विश्व हिंदी दिवस के मौक़े पर भारत में हिंदी को बढ़ाने में Koo App की भूमिका पर चर्चा करते हैं.
75 देशों के यूजर्स करते हैं हिंदी में Koo
हिंदी समेत 10 भाषाओं में लॉन्च किए जा चुके Koo App पर हिंदी सर्वाधिक लोकप्रिय भाषा के रूप में मौजूद है. भारत ही नहीं दुनिया में इस ऐप पर हिंदी Koo करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. फिलहाल इस मंच पर अमेरिका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, नाइजीरिया, यूएई, नेपाल, ईरान समेत 75 देशों से यूजर्स हिंदी में Koo करके अपने दिल की बात ऑनलाइन रखते हैं. इस देसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने लॉन्चिंग के 21 महीने में ही 2 करोड़ डाउनलोड्स का आंकडा़ पार कर लिया है. ऐप पर फिलहाल हिंदी यूजर्स की कुल संख्या 76 लाख है.
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लखनऊ से सबसे ज्यादा हिंदी कू
भारत में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र हिंदी में Koo करने वाले टॉप हिंदी प्रदेश हैं. अगर शहरों की बात करें तो Koo App पर 45 से ज्यादा प्रतिशत लोग टियर I शहरों से हिंदी में अपनी पोस्ट करते हैं, जबकि टियर II और टियर III शहरों से 55 फीसदी यूजर्स हिंदी पोस्ट करते हैं. अगर बात करें हिंदी में Koo करने वाले इन शहरों की तो इनमें सबसे ऊपर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम है.
इसके अलावा अगर हिंदी में Koo करने वाले यूजर्स के प्रोफेशन की बात करें तो इस लिस्ट में प्रोफेशनल, कवि, अभिनेता, समाजसेवी/एक्टिविस्ट, बिजनेस ओनर्स, लेखक, छात्र, शिक्षक, राजनेता, पत्रकार और मीडिया शामिल हैं. Koo App पर तेजी से जुड़ते नए यूजर्स के साथ इस साल डाउनलोड का आंकड़ा 10 करोड़ पार होने की उम्मीद है.
इस संबंध में Koo App के प्रवक्ता ने कहा, “विश्व हिंदी दिवस के मौके पर हमें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि इस पर मंच 75 देशों के यूजर्स हिंदी में चर्चा करते हैं. यह ऐप ना केवल भारत बल्कि दुनियाभर के हिंदी बोलने वालों को एक साथ जोड़ता है, जो हमारे मकसद से मेल खाता है. Koo App भाषाओं को लोकतांत्रिक करता है और दुनिया में इस मंच पर हिंदी का भी प्रमुख स्थान है. आने वाले वक्त में Koo App हिंदी समेत अन्य भारतीय भाषाओं को और सशक्त बनाने के लिए कई और फीचर्स पेश करेगा.”