Koo's campaign: यह टीवी अभियान लोगों को अपनी मातृभाषा में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर खुद को अभिव्यक्त करने के लिए प्रेरित करता है. मेड-इन-इंडिया माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo का पहला टेलीविजन अभियान लोगों को अपनी मूल भाषा में खुद को अभिव्यक्त करने के लिए प्रेरित करता है. #KooKiyaKya टैगलाइन के साथ यह अभियान इस प्लेटफॉर्म की मूल प्रतिज्ञा को दर्शाता है, जो- भाषा आधारित आत्म-अभिव्यक्ति (यानी अपनी ज़ुबान में अपनी बात कहना) है. हाल ही में टी20 विश्व कप 2021 के दौरान शुरू किया गया यह अभियान यूजर्स की आत्म-अभिव्यक्ति के लिए सोशल मीडिया का फायदा उठाने और अपनी पसंद की भाषा में अपने समुदायों के साथ जुड़ने की इच्छा को स्पष्ट करता है.
अब तक, सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति काफी हद तक अंग्रेजी पर ही केंद्रित रही है, लेकिन Koo App के विज्ञापन लोगों को अंग्रेजी अनुवाद की जरूरत के बिना, मूल भारतीय भाषा में बातचीत करने के लिए आमंत्रित करके नई पहल करते हैं. ओगिल्वी इंडिया द्वारा तैयार किए गए इस अभियान में छोटे-छोटे विज्ञापनों की एक सीरिज शामिल है.
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ये विज्ञापन आपके आसपास से जुड़े और रोजमर्रा की असल जिंदगी को दिखाते हैं. इनमें लोग मजाक से भरी और सीधे अपने दिल से बात करने वाले दैनिक जीवन की झलक पाते हैं. ये सभी विज्ञापन केवल एक ही संदेश के आसपास घूमते हैं- ‘अब दिल में जो भी हो, कू पे कहो,’.
यह अभियान इंटरनेट यूजर्स के दिमाग और उनकी मूल भाषा में कंटेंट को डिजिटल रूप से संवाद और साझा करने की उनकी इच्छा को सामने लाने के लिए गहन शोध और बाजार को समझने के बाद लाया गया.
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Koo की स्थापना मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की
गई थी. यह मंच वर्तमान में हिंदी, पंजाबी, कन्नड़, तेलुगु, तमिल, बंगाली, असमिया, मराठी, गुजराती और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में अपनी शानदार सुविधाएं प्रदान करता है. प्लेटफॉर्म पर यूज़र्स की संख्या डेढ़ करोड़ से ज्यादा है और अगले एक साल में इसके 10 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है.