Bhima Koregaon Violence: भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में कोरेगांव भीमा जांच आयोग ने शुक्रवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला को समन जारी करने का आदेश पारित किया है. आयोग ने इन्हें 08 नवंबर को पश होने के लिए समन जारी किया है. 1 जनवरी 2018 को हुई हिंसा मामले में चल रही जांच में इन्हें गवाह के रूप में पेश होना है. मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला को समन का जवाब 08 नवंबर तक देना है.
बता दें कि भीम कोरेगांव हिंसा के वक्त परमबीर सिंह अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक थे. वहीं, रश्मि शुक्ला पुणे की पुलिस आयुक्त थीं. आयोग के एक वकील ने शुक्रवार को एक अर्जी देते हुए कहा कि परमबीर सिंह और रश्मि शुक्ला को गवाह के रूप में बुलाया जाना चाहिए, क्योंकि खुफिया सूचना और हिंसा से संबंधित दोनों अधिकारियों को मिली सभी जानकारी को सामने लाना आवश्यक है. इस अर्जी को स्वीकार कर लिया गया.
वहीं, इन दिनों परमबीर सिंह और रश्मि शुक्ला अलग-अलग विवादों में उलझे हैं. बता दें कि रश्मि शुक्ला और परमबीर सिंह दोनों 1988 के आईपीएस बैच से हैं. अभी रश्मि शुक्ला, सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) में एडिशनल डायरेक्टर जनरल (ADG) हैं. उससे पहले वह डीजी (सिविल डिफेंस) के पद पर थीं. स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट (SID) की कमिश्नर होने के दौरान उन्होंने अनिल देशमुख को लेकर शिकायत की थी.
वही, मुंबई के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी के नेता अनिल देशमुख के खिलाफ कई आरोपों के साथ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखने के बाद परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस आयुक्त के रूप में हटा दिया गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि देशमुख ने सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा था. बता दें कि मुकेश अंबानी के आवास पर बम विस्फोट मामले में एनआईए ने वेज को गिरफ्तार किया था. वाजे की गिरफ्तारी के बाद परम बीर सिंह ने मुख्यमंत्री को वो पत्र लिखा था. वहीं, महाराष्ट्र में परमबीर सिंह के खिलाफ पांच प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और इनसे जुड़े मामलों की जांच चल रही है.
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