Kotak Mahindra Bank: निजी क्षेत्र के कोटक महिंद्रा बैंक के प्रवर्तकों में शामिल इनफिना फाइनेंस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 60 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड दान किए थे. कोटक महिंद्रा बैंक इस समय रिजर्व बैंक की नियामकीय कार्रवाई का सामना कर रहा है. केंद्रीय बैंक ने उसे नए क्रेडिट कार्ड जारी करने से रोक दिया है. कोटक परिवार के स्वामित्व वाली फर्म इनफिना फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक के प्रवर्तक समूह की संस्थाओं में से एक के रूप में सूचीबद्ध है. हालांकि, उसके पास निजी क्षेत्र के बैंक में कोई शेयर नहीं है.
बीजेपी को दिए 60 करोड़ के चुनावी बॉन्ड
बीएसई के पास उपलब्ध शेयरधारिता के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2024 तक, प्रवर्तक और प्रवर्तक समूह की संस्थाओं के पास कोटक महिंद्रा बैंक की 25.89 फीसदी हिस्सेदारी थी. बैंक के संस्थापक उदय कोटक 25.71 फीसदी हिस्सेदारी के साथ कोटक महिंद्रा बैंक के प्रवर्तक और सबसे बड़े एकल शेयरधारक हैं. बाकी बचे 0.18 फीसदी हिस्सेदारी प्रवर्तक समूह की अन्य संस्थाओं के पास है. मुंबई स्थित इनफिना फाइनेंस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 60 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड दिए थे.
100 करोड़ से ज्यादा का लाभ किया गया दर्ज
आरबीआई के पास पंजीकृत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी इनफिना ने 2022-23 में 105.55 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार (24 अप्रैल) को कोटक महिंद्रा बैंक को अपने ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग चैनलों के माध्यम से नए ग्राहकों को जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी. बैंकिंग नियामक ने ऋणदाता के आईटी जोखिम प्रबंधन में गंभीर खामियां पाई हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2024 को चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सभी को यह जानने का पूरा हक है कि राजनीतिक पार्टियों को कहां से चंदा मिल रहा है. इसके साथ ही कोर्ट ने एसबीआई को चुनावी बॉन्ड का डाटा सार्वजनिक करने और चुनाव आयोग को देने का निर्देश दिया था.