इस वजह से बरी किए गए कोटकपूरा पुलिस गोलीकांड के छह आरोपी, जानें- पूरा मामला
Kotakpura Shooting Incident: यह मामला 14 अक्टूबर 2015 को गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के खिलाफ धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों पर कोटकपुरा में पुलिस क्रैकडाउन से जुड़ा हुआ है.
Kotakpura Goli Kand: कोटकपूरा पुलिस गोलीकांड मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी, सस्पेंडेड IG परमराज सिंह उमरानंगल समेत छह आरोपियों को अग्रिम जमानत दे दी है. इससे पहले हाई कोर्ट ने इन आरोपियों को इस मामले में अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी.
इस मामले में जांच पूरी होने का हवाला देते हुए हाई कोर्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं को ये लाभ दिया है. हाई कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया है कि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग करेंगे और किसी भी गवाह को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेंगे. पंजाब में गुरुग्रंथ साहिब घटना के बाद कोटकपूरा गोलीकांड हर चुनाव में एक भावनात्मक मुद्दा रहा है, जिसमें पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगाया गया है. इस घटना में 2 लोगों की मौत हो गई थी.
कोटकपूरा पुलिस गोलीकांड के आरोपियों में प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, तत्कालीन आईजी परमराज उमरानंगल, एसएसपी मोगा चरणजीत शर्मा, एसएसपी फरीदकोट सुखमंदर मान, डी फिरोजपुर अमर सिंह चाहल और तत्कालीन एसएचओ सिटी गुरदीप सिंह के नाम भी शामिल हैं.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, 14 अक्टूबर 2015 को गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के खिलाफ धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों पर कोटकपुरा में पुलिस क्रैकडाउन हुआ था, जिसमें 60 के करीब प्रदर्शनकारी और पुलिस कर्मी घायल हो गए थे. मामले की जांच कर रही एसआईटी ने इस मामले में आठ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की. आरोपियों में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी थे जिनका अब निधन हो गया है. इससे पहले 2015 में बेअदबी और पुलिस गोलीबारी के मामलों की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने पंजाब के फरीदकोट की अदालत में शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल और पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को मास्टरमाइंड बताते हुए चार्जशीट दायर की थी.
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