नई दिल्लीः कोरोना से जंग के बीच एक नई टेक्नोलॉजी जिसका नाम है कोविकोट है वह सामने आया है. ये एंटीवायरस नैनो टेक्नोलॉजी है. इसे बनाने वाली कंपनी का दावा है की ये एक सेल्फ डिसइनफेक्टेंट सॉल्यूशन है जिससे 90 दिनों तक वायरस और बैक्टीरिया से बचाव होता है. इसे एनएबीएल से मान्यता प्राप्त है. हाल ही में इस टेक्नोलॉजी की परत राष्ट्रपति भवन तक में डेमो के तौर पर लगाई गई है.
दफ्तर हो, लिफ्ट हो, गाड़ी हो, लैपटॉप हो या मोबाइल फोन- कोविकोट की एक परत इन्हें सुरक्षित बना सकती है. इसे पहले स्प्रे किया जाता है और फिर 2 मिनट तक छोड़ने के बाद एक कपड़े से पोछ दिया जाता है. इतने भर से 0.001 माइक्रोन की एक लेयर तैयार हो जाती है. एक ऐसी परत जिससे एक दो दिन या हफ्ते के लिए नहीं बल्कि 90 दिनों के लिए वायरस और बैक्टीरिया से सुरक्षा मिलती है.
कॉविकोट बनानेवाली कंपनी का दावा है कि उनका ये प्रोडक्ट किसी भी सतह यानी सर्फेस पर छिड़कने से उसका पूरे 90 दिनों तक वायरस से बचाव करता है. वहीं कंपनी का कहना है उसका ये दावा NABL से प्रमाणित है.
थ्री आर मैनेजमेंट कंपनी के इनोवेटर मनीष पाठक के मुताबिक, “जब से कोरोना वायरस आया है मार्केट में कई तरह के डिसइनफेक्टेंट और सैनिटाइजर उपलब्ध है. यह डिसइनफेक्टेंट है और यह नॉर्मल डिसइनफेक्टेंट नहीं है. नॉर्मल डिसइनफेक्टेंट जो हम यूज करते हैं उसमें हमने साफ कर दिया और ऊपर से सरफेस साफ हो गई, लेकिन उसके बाद अगर कोई भी संक्रमित व्यक्ति या कोई भी आम आदमी उसे जाने अनजाने छूता है तो वायरल लोड उस सरफेस पर बढ़ता चला जाता है."
उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं इस माहौल में हमारी सर्फेस पर कम से कम बैक्टीरियल वायरल लोड हो. उस पर हम सिर्फ डिसइनफेक्टिंग प्रॉपर्टी डिवेलप कर दें ताकि वह खुद ही वायरस, बैक्टीरिया और माइक्रोब्स से लड़ती रहे. उसके लिए कोविकोट प्रोडक्ट है. यह रेडी टू यूज़ प्रोडक्ट है और यह एनएबीएल सर्टिफाइड है. 90 दिनों तक इसकी एफिशिएंसी रहती है.”
इसके 90 दिनों तक कारगर होने का सर्टिफिकेट मान्यता प्राप्त NABL लैब से मिला है. कंपनी का दावा है ये हर तरह के सतह पर कारगर है फिर चाहे ग्लास हो, मेटल हो, टाइल हो, लकड़ी जो लैदर हो. ये इन सब चीज़ों पर काम करता है.
मनीष पाठक ने बताया, “ये मल्टीपरपज प्रोडक्ट है इससे लेदर, प्लास्टिक, ग्लास, वॉल टाइल्स सारी सरफेस पर काम करता है. इसकी एफिशिएंसी कुछ सरफेस पर हो सकता है कम हो जैसे कि लैदर क्योंकि वह ऑर्गेनिक होता है.''
कंपनी के दावे की जांच करने के लिए हमने ट्रायल करने का फैसला किया. हमने इसे अपने फोन पर चेक किया. एटीपी टेस्टिंग मशीन से फोन पर मौजूद बैक्टीरिया, वायरस और माइक्रोब्स में वायरल लोड को पता किया गया. किसी भी सतह पर कितना वायरल लोड है यह RLU यूनिट में पता चलता है.
एबीपी न्यूज़ के फोन पर एटीबी टेस्टिंग की मदद से पता चला की फोन पर 808 RLU है यानी इतना वायरल लोड है. इसके बाद इस पर कंपनी ने कोविकोट स्प्रे किया और करीब 20 मिनट बाद जब फिर जांच की गई तो फोन पर वायरल लोड सिर्फ 10RLU था.
अप्रैल से शुरू हुई इस तकनीक का इस्तेमाल कई जगहों पर हुआ है. हाल ही राष्ट्रपति भवन में भी इसका इस्तेमाल हुआ है, जहां डेमो दिया गया है. वहीं अब तक कई सरकारी दफ्तर, 50 के करीब सोसायटी, कई प्राइवेट इंस्टीट्यूट और बैंक, हज़ार से ज़्यादा लिफ्ट में इसका इस्तेमाल किया जा चुका है. वहीं गाड़ियों में भी इसका इस्तेमाल हो रहा है. इसकी कीमत फिलहाल 15 रुपए वर्गफुट है. वहीं इसके इस्तेमाल का असर 90 दिनों तक रहता है.
मनीष पाठक ने बताया, “हमारे गवर्नमेंट के कई सारे क्लाइंट हैं. सरकार की 30-40 बड़ी इमारतों में यह इस्तेमाल हो चुका है. प्राइवेट सेक्टर के कई सारे बैंक और इंस्टिट्यूट में हमने इसका इस्तेमाल किया है. कुछ स्कूल और अस्पतालों में भी हमने किया है. सिर्फ बड़े शहर ही नहीं बल्कि छोटे शहर भी जैसे हापुड़, पिलखवा और कई जगह पर इसका इस्तेमाल हुआ है. बहुत जल्दी एक कार चैन है जो इसे अपने यहां इस्तेमाल करेगी.''
हाल में इस कंपनी ने इंडियन यूथ कांग्रेस के दफ्तर को भी सेनोटाइज किया है. कंपनी की कई पब्लिक और प्राइवेट ट्रांस्पोट कंपनी से कई जगहों पर बात चल रही है. जिसमे कई मेट्रो और बस सर्विस भी हैं.
मनीष पाठक ने बताया, “किसी भी सरफेस या सतह पर हम स्प्रे का इस्तेमाल करते हैं तो असर 90 दिनों तक रहता है. कई बार यह भी निर्भर करता है कि आपने उसे कितना इस्तेमाल किया है. जैसे मेट्रो के लोग हमसे बात कर रहे हैं. बस वाले हमसे बात कर रहे हैं कि ऐसी सरफेस या स्पेस जिस पर दिन भर में पांच से 10 हजार लोग छूते हैं तो ये हमारा सर्टिफाइड है. उसके लिए टच प्रोटेक्शन है की इतने टच पर भी सेफ्टी है .ऐसी सताह जहां लोग बहुत होते हैं और जब तक वहां ये कोटिंग है तो यह उसे 24*7 सिक्योर कर रही है.''
बढ़ती मांग और सैनिटाइज करने की जरुरत को देखते हुए कंपनी ने हाल में कॉल सेंटर शुरू किया है. वहीं जल्द इस प्रोडक्ट को रिटेल चैन के जरिए बाज़ार में लाने की तैयारी है जिसके लिए केंद्रीय भंडार से बात हुई है. वहीं ऑफिस और फैक्ट्रियों को भी ध्यान में रख कर काम हो रहा है. कोरोना से बचने के लिए की जाने वाली उपाय में यह भी एक कड़ी है.