Nepal-India Border Dispute: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने शुक्रवार को एक विवादित बयान दिया. पूर्व पीएम को कहा कि 20 नवंबर को होने वाले संसदीय चुनाव में अगर उनकी पार्टी की जीत होती है तो देश के उन हिस्सों पर दोबारा दावा किया जाएगा जिसे भारत अपना बताता है. पश्चिमी नेपाल में भारत की सीमा के नजदीक धारचुला जिले में अपनी नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के राष्ट्रव्यापी चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए ओली ने यह बयान दिया है.
नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि हम कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को वापस लाएंगे जिसे भारत अपना होने का दावा करता है. भारत- नेपाल के बीच यह विवाद पुराना है जिसके कारण दोनों देशों के बीच 2 दिसंबर 1815 को ईस्ट इंडिया कंपनी और नेपाल के बीच सुगौली संधि हुई. तब भी यह सीमा विवाद हल नहीं हो सका है.
क्या है लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी विवाद
नेपाल भारत की तीन दिशा पूरब, पश्चिम और दक्षिण से घिरा हुआ है. नेपाल कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपना हिस्सा बताता है और यह भी कहता है कि भारत ने जबरन कब्जा किया है. इन तीनों हिस्सों पर नेपाल का दावा है कि महाकाली नदी लिम्पियाधुरा से निकलती है, इसलिए लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी नेपाल का हिस्सा है तो
वहीं दूसरी ओर भारत का दावा है कि महाकाली नदी कालापानी गांव (उत्तराखंड) से निकलती है, इसलिए ये भारत का हिस्सा है. महाकाली नदी की धाराएं बदलती रहती हैं इसलिए दोनों ही देश समस्या का समाधान निकालने में असमर्थ हैं. नेपाल कहता है कि लिपुलेखा पर्वत महाकाली नदी के पूरब में है जिसके कारण कुदरती तौर पर यह नेपाल का हिस्सा है. दोनों ही देशों को स्पष्ट रूप में यह नहीं पता है कि महाकाली नदी का उद्नम कहां से है. इसलिए दोनों देशों के बीच यह सीमा विवाद रहता है.
2020 राजनीतिक नक्शे में नेपाल ने किया दावा
नेपाल के अधिकारियों का कहना है कि महाकाली नदी लिम्पियाधुरा से निकलकर उत्तर पश्चिम में भारत के उत्तराखंड की ओर बढ़ती है. लेकिन भारतीय पक्ष का कहना है कि महाकाली नदी का रुख़ नेपाल की ओर उत्तर पूर्व में है. उनका कहना है कि लिपुलेख से निकलने वाली जलधारा ही दरअसल, महाकाली नदी का स्रोत है और इसी से दोनों पड़ोसी देशों की सीमाओं का निर्धारण होता है.
नेपाल ने 2020 में अपना नया राजनीतिक नक्शा भी पेश किया था जिसमें नेपाल ने दावा किया कि महाकाली (शारदा) नदी का स्रोत दरअसल लिम्पियाधुरा ही है जो फ़िलहाल भारत के उत्तराखंड का हिस्सा है. लेकिन भारत इससे इनकार करता रहा है.
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