Krishna Janmabhoomi complex: 'औरंगजेब ने मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि परिसर में मंदिर को किया था ध्वस्त', RTI के जवाब में ASI ने कही ये बात
Krishna Janmabhoomi News: यूपी के मैनपुरी में रहने वाले अजय प्रताप सिंह ने एक आरटीआई दायर की थी और आगरा सर्कल के एएसआई ऑफिस से केशवदेव मंदिर को तोड़ने के बारे में विशेष जानकारी मांगी थी.
![Krishna Janmabhoomi complex: 'औरंगजेब ने मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि परिसर में मंदिर को किया था ध्वस्त', RTI के जवाब में ASI ने कही ये बात Krishna Janmabhoomi complex ASI has revealed details pertaining to Mathura Krishna Janmabhoomi temple complex Krishna Janmabhoomi complex: 'औरंगजेब ने मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि परिसर में मंदिर को किया था ध्वस्त', RTI के जवाब में ASI ने कही ये बात](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/06/b0fb1a83334af28c214b8dcf7eedabb41707210259241858_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Mathura's Krishna Janmabhoomi temple: मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर को लेकर एक आरटीआई से बड़ा खुलासा हुआ है. एक आरटीआई के जवाब में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने बताया है कि “कटरा टीले के कुछ हिस्से जो नाजुल किरायेदारों के कब्जे में नहीं है, उस पर पहले केशवदेव का मंदिर था, उसे ध्वस्त कर उस स्थान का उपयोग औरंगजेब की मस्जिद बनाने के लिए किया गया था.” एएसआई ने यह जानकारी नवंबर 1920 के गजट के ऐतिहासिक रिकॉर्ड के आधार पर दी है. एएसआई ने गजट का एक हिस्सा भी आरटीआई के जवाब के साथ अटैच किया है.
यूपी के मैनपुरी में रहने वाले अजय प्रताप सिंह ने एक आरटीआई दायर की थी और आगरा सर्कल के एएसआई ऑफिस से केशवदेव मंदिर को तोड़ने के बारे में विशेष जानकारी मांगी थी. वहीं, श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि "वह इलाहाबाद HC और SC के सानने इस सबूत को रखेंगे".
'अगली सुनवाई में इसे रखेंगे सबूत के तौर पर'
उन्होंने बताया, ''ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर हमने अपनी याचिका में बताया था कि औरंगजेब ने 1670 ई. में मंदिर को ध्वस्त करने का फरमान जारी किया था. उसके बाद उसने वहां शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था. अब एएसआई ने आरटीआई के जवाब में जानकारी को सत्यापित किया है. हम 22 फरवरी की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय में एएसआई की ओर से दिए गए आरटीआई के जवाब को भी सबूत के तौर पर रखेंगे.''
क्या है पूरा विवाद?
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा है. 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ समझौता किया था. इस समझौते में 13.7 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनने की बात हुई थी. श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है और 2.5 एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. हिंदू पक्ष का कहना है कि शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया है. इस जमीन पर उनका दावा है. हिंदू पक्ष की ओर से ही शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और इस जमीन को भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है.
ये भी पढ़ें
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)