Krishna Janmabhoomi Dispute: मथुरा (Mathura) के कृष्ण जन्मभूमि (Krishna Janmabhoomi) और शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Idgah Masjid) मामले पर आज अदालत (Mathura Court) में सुनवाई हुई. अब अदालत (Court) इस मामले पर तीन अक्टूबर को सुनवाई करेगी. इससे पहले सोमवार को अदालत ने मामले को स्थगित करने की एक याचिका को खारिज कर दिया था. एक याचिकाकर्ता शैलेंद्र सिंह की ओर से मामले को स्थगित करने की याचिका दाखिल की गई थी. मथुरा की अदालत ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
दरअसल, पेशे से वकील याचिकाकर्ता शैलेंद्र सिंह को सुनवाई की आखिरी तारीख 26 सितंबर दी गई थी. याचिकाकर्ता ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अदालत से मामले को स्थगित करने का आग्रह किया था लेकिन अदालत ने उसे खारिज कर दिया. इस अर्जी पर बचाव पक्ष के वकील नीरज शर्मा ने आपत्ति जताई थी.
क्या है कृष्ण जन्मभूमि मामला?
लखनऊ के रहने वाले शैलेंद्र सिंह ने कानून की पढ़ाई करने वाले कुछ छात्रों के साथ मिलकर 17 मई को मथुरा की जिला अदालत में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि उन लोगों को बहुसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधि के तौर पर सुना जाए जो दावा करते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उसी स्थान पर हुआ जहां आज शाही ईदगाह मस्जिद मौजूद है.
मामला दरअसल, 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व को लेकर है. इसमें 10.9 एकड़ भूमि कृष्ण जन्मस्थान के पास और 2.5 एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. याचिका में उस जमीन को भी लेने की मांग की गई है जिसमें शाही ईदगाह मस्जिद खड़ी है. इसी के साथ मस्जिद हटाने की भी मांग की गई है. पहली बार यह मामला तब गरमाया था जब अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने एलान किया था कि वह शाही ईदगाह मस्जिद के भीतर भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति की स्थापना करेगी और फिर जलाभिषेक करेगी. हिंदू महासभा ऐसा नहीं कर पाई थी.
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